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प्रयागराज स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनें न लेट होंगी और न धीमी चलेंगी

उत्तर मध्य रेलवे ऐसा काम करने जा रहा है जिसके कारण न लेट ट्रेनें लेट होंगी और न धीमी गति से चलेंगी.

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प्रयागराज

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Published : Sep 3, 2022, 8:23 PM IST

Updated : Sep 3, 2022, 8:45 PM IST

प्रयागराज:अब न ट्रेनें लेट होंगी और न ही धीमी गति से चलेंगी. उत्तर मध्य रेलवे इसी वित्तीय वर्ष में हर ट्रैक पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग(electronic interlocking on track ) का काम करेगा. इस कारण रेलवे का केबिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा.

प्रयागराज प्लेटफार्म से करीब 200 से 500 मीटर पहले बनाए गए केबिन अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएंगे. प्रयागराज मंडल पूरे एनसीआर में पहला मंडल है जहां पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग व्यवस्था लागू कर दी गई है. केबिन से यह पता चलता था कि ट्रेन प्लेटफार्म के नजदीक पहुंच गई है, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नल से अब मैनुअली कार्य नहीं होगा. महज एक क्लिक से सिग्नल डाउन होंगे और पटरिया बदल जाएंगी.

जानकारी देते शिवम शर्मा सीपीआरओ उत्तर मध्य रेलवे

इसके पूरी तरह लागू होने से प्रयागराज जोन से नई तकनीक से लगभग 90% ट्रेन राइट टाइम पर चलेंगी. कानपुर प्रयागराज के बीच पूरी तरह से स्वचालित सिस्टम है. अब स्टेशन से ही कंप्यूटर के जरिए यह काम किया जाएगा. इससे ट्रेनों की गति भी कम नहीं होगी और न ट्रेनें लेट होगी.

अब एक क्लिक में पूरी होंगी सारी प्रक्रियाएं:पहले मैकेनिकल सिग्नल प्रणाली थी. इससे रेलवे कर्मचारी ट्रेनों का इस्तेमाल कर सिग्नल ग्रीन अथवा रेड करते थे. ट्रेनों को अप अथवा डाउन लाइन पर लाने, पटरियां बदलने के लिए फाटकों को बंद करने और उसे खोलने की सारी प्रक्रिया मैनुअली थी. इस कारण ट्रेनों की गति 15 से 30 किमी प्रति घंटे रह जाती थी. कंप्यूटरीकृत की व्यवस्था होने के बाद स्पीड धीमी किए बिना ट्रेनों को आगे ले जाया जा सकेगा. इससे समय और मैनपावर की बचत तो होगी ही साथ ही ट्रेनों की समय सारणी में भी सुधार होगा.

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तीनों मंडलों में 400 से अधिक थे केबिन:उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ सीएम शर्मा ने बताया की उत्तर मध्य रेलवे के तीनों मंडलों में प्रयागराज झांसी और आगरा में 400 से अधिक रेलवे केबिन थे. इनके समाप्त होने से रेलवे के समय में सुधार होगा, अब दो इंटरलॉकिंग बची हुई है. आगरा और मथुरा से जुड़े दो स्टेशनों को नवंबर तक उसको भी पूरा कर लिया जाएगा और फिर पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम हो जाएगा.

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Last Updated : Sep 3, 2022, 8:45 PM IST

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