प्रयागराज: काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर मस्जिद मामले की सुनवाई जारी है. अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद वाराणसी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से दाखिल याचिकाओं की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया कर रहे हैं. मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी (Advocate Vijay Shankar Rastogi) का कहना है कि वक्फ कानून के प्रावधान केवल मुस्लिमों पर ही लागू होंगे. इस कानून में मुस्लिमों के आपसी विवाद ही तय किये जा सकते हैं. वक्फ कानून हिंदुओं पर लागू नहीं होता.
उन्होंने कहा कि यदि वक्फ बोर्ड और गैर मुस्लिम के बीच विवाद हो तो हिंदू पक्ष को नोटिस देना जरूरी है. प्रश्नगत मामले में वादियों को नोटिस नहीं दी गई है. इसलिए विवादित संपत्ति वक्फ संपत्ति नहीं मानी जा सकती. रस्तोगी ने कहा कि 1995 के वक्फ कानून लागू होने के बाद संपत्ति वक्फ बोर्ड में पंजीकृत हो या अपंजीकृत हो, दोनों स्थिति में दुबारा पंजीकृत करानी होगी. विवादित संपत्ति कभी भी वक्फ कानून में पंजीकृत नहीं हुई, इसलिए संपत्ति वक्फ की संपत्ति नहीं हो सकती. रस्तोगी ने कहा कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़ने का आदेश दिया, किन्तु मस्जिद बनाने का आदेश नहीं दिया. क्योंकि इस्लामिक कानून के अनुसार विवादित जमीन पर मस्जिद नहीं बन सकती.
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