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राज्य विधि अधिकारियों की फीस भुगतान का रास्ता साफ, सरकार ने निमय में किया ये बदलाव - राज्य विधि अधिकारियों की फीस भुगतान

कोरोना काल में अप्रैल माह से रुकी इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के राज्य विधि अधिकारियों (state law officers) की फीस मिलने का रास्ता साफ हो गया है. सरकार ने हाईकोर्ट के सरकारी वकीलों को कुछ कटौती के साथ उनकी फीस का भुगतान करने का निर्णय लिया है. इसके लिए सरकार ने कम से कम दो केस में बहस की अनिवार्यता के नियम को भी समाप्त कर दिया है.

Allahabad High Court
इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Published : Jun 10, 2021, 1:33 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में कार्यरत राज्य विधि अधिकारियों (state law officers) को बिना बहस किए भी फीस मिल सकेगी. इस मामले में राज्य सरकार द्वारा दो केस फाइलों पर बहस की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है. लेकिन, जैसे ही कोर्ट पूरी तरह से काम करने लगेगी, नये नियम स्वतः खत्म हो जाएंगे और 1999 की फीस व्यवस्था बहाल हो जाएगी. अभी तक दो केस में बहस करने पर एक में पूरी फीस व एक केस पर आधी फीस दिए जाने का नियम था.

प्रमुख सचिव विधि एवं न्याय ने जारी किया आदेश

प्रमुख सचिव विधि एवं न्याय पी.के. श्रीवास्तव ने कोरोना संकट के चलते ये आदेश जारी किया है. यह नियम वर्चुअल सुनवाई या खुली अदालत मे सुनवाई दोनों स्थिति मे लागू होगा. कोर्ट मे बहस का जोखिम उठाने वाले और घर बैठे राज्य विधि अधिकारियों दोनों को एक पलडे में रखा गया है. बहस न करने वालों व बहस करने वालों में भेदभाव नहीं किया गया. हालांकि कार्यदिवस मे कटौती अभी भी जारी है.

कार्य दिवस में कटौती रहेगी जारी

आपराधिक मामलों के राज्य विधि अधिकारियों को माह के 80 फीसदी कार्य दिवस और सिविल मामलों के राज्य विधि अधिकारियों को माह के 70 फीसदी कार्य दिवस का ही भुगतान दिया जायेगा. क्रमशः 20 फीसदी व 30 फीसदी की प्रतिमाह फीस में कोरोना कटौती जारी रहेगी. शासकीय अधिवक्ता, अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम व द्वितीय, मुख्य स्थायी अधिवक्ता, अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता, स्थायी अधिवक्ता व वाद धारकों, सभी राज्य विधि अधिकारियों पर यह नियम लागू किया गया है. इस आदेश के बाद राज्य विधि अधिकारियों की अप्रैल माह से रूकी फीस के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है.

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महाधिवक्ता व अपर महाधिवक्ताओं को कटौती से मुक्ति

इस कटौती से महाधिवक्ता व अपर महाधिवक्ताओं को कटौती के इस नियम से मुक्त रखा गया है. जबकि सरकारी वकीलों को दी जाने वाली फीस के बजट का लगभग आधा भुगतान इन्हें ही किया जाता है. ऐसे में यह भी नहीं कहा जा सकता कि बजट बोझ कम करने के लिए कदम उठाये गये हैं. इसके साथ ही कटौती का ये नियम जिला अदालतों में लागू नहीं है.

हाईकोर्ट के सरकारी वकीलों में आक्रोश

राज्य सरकार ने कोरोना काल में सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों के वेतन मे कोई कटौती नहीं की है, बल्कि विशेष भत्ता दिया जा रहा है. केवल हाईकोर्ट के सरकारी वकीलों की फीस की ही कटौती की गयी है. जिसे लेकर सरकारी वकीलों में आक्रोश देखा जा रहा है.

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