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प्रयागराजः जेंडर एंड सेक्सुअल हैरेसमेंट लॉ पर नेशनल सेमिनार का आयोजन - जेंडर एंड सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ लॉ पर राष्ट्रीय सेमिनार

रविवार को प्रयागराज के इलाहाबाद विश्विद्यालय में जेंडर एंड सेक्सुअल हैरेसमेंट लॉ पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य शमीना शफीक ने कहा कि, पीड़ित महिलाओं को समाज के आगे आकर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए.

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जेंडर एंड सेक्सुअल हैरेसमेंट लॉ पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित.

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Published : Mar 1, 2020, 11:42 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 11:53 PM IST

प्रयागराजःइलाहाबाद विश्विद्यालय से संबंध चौधरी महादेव प्रसाद महाविद्यालय में रविवार को जेंडर एंड सेक्सुअल हैरेसमेंट लॉ पर एक दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति अजय भनोट ने अपने सम्बोधन में कहा कि, समाज तेजी से बदलता है, लेकिन कानून बनाने में विलंब होता है.

जेंडर एंड सेक्सुअल हैरेसमेंट लॉ पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित.



जेंडर एंड सेक्सुअल हैरेसमेंट लॉ पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित
साथ ही न्यायमूर्ति अजय भनोट ने कहा कि, सामाजिक परिवर्तन साझा सांस्कृतिक मूल्य के विकास से ही सम्भव है. इसके साथ ही उन्होंने अपने सम्बोधन में उन्होंने ऐतिहासिक आख्यानों, सांस्कृतिक मूल्यों व संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख किया. साथ ही लैंगिक समानता के सामाजिक विधिक विमर्श पर गहन प्रकाश डाला. उन्होंने एन्टी सेक्सुअल हैरेसमेंट एक्ट के प्रावधानों व विशाखा मामले में किए गए संशोधनो पर भी प्रकाश डाला.

इसे भी पढ़ें-वाराणसी: बीएचयू में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन

कानून की भाषा सरल हो
इस मौके पर कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि व राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य शमीना शफीक ने कहा कि, देश में कानून बनते हैं, लेकिन कानूनी भाषा सख्त और जटिल होने के कारण सरल रूप से ग्रहण नहीं होती, इसलिए जरूरी है कि कानून की भाषा सरल हो. विधि वेत्ताओं को इसे समझना होगा. आगे उन्होंने कहा कि, पीड़ित महिलाओं को समाज के आगे आकर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए.

कार्यक्रम राष्ट्रीय महिला आयोग और महाविद्यालय के जेंडर एंड सेक्सुअल हैरेसमेंट सेल के तत्वावधान में आयोजित हुआ. वहीं संगोष्ठी के माध्यम से लैंगिक विभेद के विभिन्न सामाजिक विषयों पर आए हुए विद्वानों ने अपने विचार रखे.

Last Updated : Mar 1, 2020, 11:53 PM IST

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