प्रयागराज : अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि आत्महत्या के मामले में एक नया मोड़ आया है. इस मामले में पुलिस को शिकायत देने वाले अमर गिरि ने मुकदमा वापस लेने के लिए ऐफिडेविट दिया है. अगर हाईकोर्ट अमर गिरि को मुकदमा वापस लेने की इजाजत देता है तो इस केस के आरोपी आनंद गिरी समेत सभी आरोपियों को जेल से रिहाई मिल जाएगी. अमर गिरि के वकील नीरज तिवारी ने इसकी पुष्टि की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट को दिए गए अपने हलफनामे में अमर गिरि ने कहा है कि उन्होंने एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया था. उन्होंने सिर्फ थाने पर सूचना मात्र दी थी. बता दें कि बाघम्बरी मठ के महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद अमर गिरि और पवन महाराज ने पुलिस को शिकायत दी थी.
हलफनामे में अमर गिरि ने साफ किया है कि अपनी एफआईआर में उन्होंने किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ केस दर्ज नहीं करवाया था. पुलिस को दी गई शिकायत पर हलफनामे में सफाई भी दी गई है. हलफनामे के हवाले से वकील नीरज तिवारी ने बताया कि 20 सितंबर को घटना वाले दिन अमर गिरी और पवन महाराज हनुमान मंदिर में थे. हनुमान मंदिर में ही उन्हें नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के बारे में सूचना मिली. अमर गिरि ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को बताया है कि पुलिस अफसरों और दूसरे लोगों के कहने पर उन्होंने नरेंद्र गिरि की मौत के बारे में लिखित सूचना जार्ज टाउन थाने को दी थी. बाद में उन्हें जानकारी मिली कि उस एफआईआर में आनंद गिरी और दो पुजारियों को नामजद किया गया है.