लखनऊः फर्जी व कूटरचित दस्तावेजों के सहारे निष्क्रांत संपत्ति पर अवैध कब्जा करके मकान बनाने के अभियुक्त माफिया मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश गौरव कुमार ने खारिज कर दिया है.
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार बाजपेई व अशोक त्रिपाठी की दलील थी कि इस मामले की रिपोर्ट 27 अगस्त 2020 को लेखपाल सुरजन लाल ने कोतवाली हजरतगंज में लिखाई थी, जिसमें कहा गया है कि ग्राम जियामऊ में मोहम्मद वसीम के नाम बतौर मातहतदार जमीन दर्ज थी, उनके पाकिस्तान जाने के बाद यह जमीन निष्क्रांत संपत्ति के रूप में दर्ज हो गई और उसकी निष्क्रांत संपत्ति को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर उसे अपने नाम कर लिया तथा खतौनी गायब कर दी, जिससे कूटरचित दस्तावेजों से इस संपत्ति के संबंध में अवैध रूप से कराए गए नाम परिवर्तन की जानकारी ना हो सके.