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सुहागिनों के लिए खास है इस बार का करवा चौथ, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा तो बरसेगी सूर्य देव की कृपा

हर वर्ष की तरह इस साल भी सुहागिनों को करवा चौथ के त्योहार का बेसब्री से इंतजार है. इस बार करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर 2021 यानी रव‍िवार को हर्ष उल्लास से मनाया जायेगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. करवा चौथ के मौके पर सभी सुहागिन महिलाएं दुल्हन की तरह श्रृंगार कर व्रत रखती हैं. करवा चौथ की रौनक बाजारों में भी देखने को मिल रही है.

इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा तो बरसेगी सूर्य देव की कृपा
इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा तो बरसेगी सूर्य देव की कृपा

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Published : Oct 22, 2021, 2:20 PM IST

प्रयागराज: करवा चौथ व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस साल करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर 2021, दिन रविवार को पड़ रहा है. करवा चौथ का व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने और दर्शन के बाद खोला जाता है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल करवा चौथ की पूजा रोहिणी नक्षत्र में की जाएगी. यह शुभ संयोग पांच वर्षों बाद बन रहा है. इसके अलावा रविवार के दिन व्रत होने से सूर्यदेव का भी शुभ प्रभाव पड़ेगा.

हर वर्ष की तरह इस साल भी सुहागिनों को करवा चौथ के त्योहार का बेसब्री से इंतजार है. इस बार करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर 2021 यानी रव‍िवार को हर्ष उल्लास से मनाया जायेगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. करवा चौथ के मौके पर सभी सुहागिन महिलाएं दुल्हन की तरह श्रृंगार कर व्रत रखती हैं. करवा चौथ की रौनक बाजारों में भी देखने को मिल रही है. दुकानों में करवा चौथ कथा की पुस्तक, चलनी इत्यादि श्रृंगार के सामान रखे गए हैं. खास बात यह है कि करवा चौथ पर इस बार शुभ योग बन रहा है. इस बार करवा चौथ के व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र में की जायेगी. वहीं, दूसरी तरफ रविवार का दिन होने की वजह से भी सुहागिनों को सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त होगा. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार का करवा चौथ अखंड सौभाग्य देने वाला होगा.

पंडित शिप्रा सचदेव, ज्योतिषाचार्य
शास्त्रों के अनुसार, करवा चौथ व्रत करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है. इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियां दूर हो जाती हैं. इसके साथ ही सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं, कहते हैं कि इस दिन माता पार्वती, भगवान शंकर और कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.विधिइस व्रत में पूरे दिन निर्जला रहा जाता है. व्रत में पूरा श्रृंगार किया जाता है. महिलाएं पूजा के समय करवा चौथ की कथा सुनती हैं. कथा के लिए पटरे पर चौकी में जलभरकर रख लें. थाली में रोली, गेंहू, चावल, मिट्टी का करवा, मिठाई, बायना का सामान आदि रखते हैं. प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा से व्रत की शुरुआत की जाती है. इसके बाद शिव परिवार का पूजन कर कथा सुननी चाहिए. करवे बदलकर बायना सास के पैर छूकर दे दें. रात में चंद्रमा के दर्शन करें. चंद्रमा को छलनी से देखना चाहिए. इसके बाद पति को छलनी से देख पैर छूकर व्रत पानी पीना चाहिए.इस शुभ मुहूर्त में करें पूजाजो सुहागिन महिलाएं मुहूर्त के अनुसार पूजा करेंगे उनके लिए शुभ मुहूर्त है, 6:55 से लेकर 8:1 तक का शुभ मुहूर्त आया है.यह भी पढ़ें- न बंटेगा न कटेगा, अखिलेश यादव ने सिटिंग विधायकों को दी चुनाव लड़ने की हरी झंडी !

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