प्रयागराज : कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी मंगलवार को जिले में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की ओर से दशहरे पर दिए बयान को चिंताजनक बताया. कहा कि भागवत ने मोदी सरकार को आईना दिखाने का काम किया है. उन्होंने तमाम मुद्दों पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. कामकाज पर सवालिया निशान उठाए हैं. संघ प्रमुख ने अयोध्या में रामलला के निर्माणाधीन मंदिर से लेकर मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर जो बातें कही हैं, वे सभी मोदी सरकार के लिए नसीहत की तरह हैं.
संघ प्रमुख ने भाजपा को नाकामी की दिलाई याद :कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने देश के लगातार विकास को लेकर जो बातें कहीं हैं, उसमें प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से लेकर मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी तक सभी का योगदान नजर आता है. भारत जब आजाद हुआ था तो देश की आर्थिक स्थिति बदहाल थी. पंडित नेहरू से लेकर तमाम प्रधानमंत्री और मौजूदा पीएम ने इसे लगातार आगे बढ़ाया है. संघ प्रमुख ने अपने भाषण में इसी बात को कहा है. उनके मुताबिक मणिपुर की बातें कर संघ प्रमुख ने मोदी सरकार को उनकी नाकामी याद दिला दी है. उन्होंने इशारों में कह दिया है कि वहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद ही जाना चाहिए था और शांति व्यवस्था बहाल करने के बारे में कदम उठाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था.
मोहन भागवत ने जिम्मेदारी का कराया आभास :प्रमोद तिवारी ने कहा कि संघ प्रमुख भागवत ने मणिपुर के मामले में जिस तरह सरहद पार की बाहरी ताकतों के शामिल होने और साजिश रचे जाने की आशंका जताई है, वह बेहद गंभीर विषय है. अगर वहां बाहरी ताकतों का दखल हुआ है तो यह पूरी तरह से केंद्र की मोदी सरकार की नाकामी है, क्योंकि सीमाओं की रक्षा करना और बाहरी ताकतों को देश में हिंसा फैलाने से रोकने की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की ही होती है. प्रधानमंत्री मोदी यह कहकर नहीं बच सकते कि हिंसा की जिम्मेदारी वहां की स्थानीय सरकार की है. उनके मुताबिक मोहन भागवत ने हिचकिचाहट में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी का नाम नहीं लिया, लेकिन गृहमंत्री अमित शाह व अन्य मंत्रियों को वहां जाने की नसीहत देकर उन्होंने पूरी तस्वीर साफ कर दी है और सभी को उसकी जिम्मेदारी का अहसास भी करा दिया है.