प्रयागराजः शहर के उतरांव इलाके की रहने वाली निर्मला देवी और उनकी सास शांति देवी पाकिस्तानी बहू की चिंता में घर में आंसू बहा रही हैं. निर्मला अपनी पाकिस्तानी देवरानी को वापस बुलाने की सरकार से गुहार लगा रही हैं. वहीं, उनकी सास शांति देवी का कहना है कि पाकिस्तान से आई हुई लड़की को वह अपनी बहू मान चुकी है और पाकिस्तान में अब उसके साथ होने वाले अपमान को वह बर्दाश्त नहीं कर सकती हैं. इस वजह से वह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रही हैं कि सरकार उनकी बहू को वापस लाने में मदद करे ताकि पाकिस्तान भेजी गयी इकरा भारत आकर अपनी ससुराल में सम्मान से रह सके.
दरअसल, प्रयागराज के रहने वाले मुलायम सिंह यादव का ऑनलाइन गेम खेलते हुए पाकिस्तान की रहने वाली इकरा से प्रेम हो गया. भारतीय युवक के प्रेम में पागल हुई इकरा को भारत पाकिस्तान की सरहद नहीं रोक सकी और वह गैरकानूनी तरीके से भारत पहुंच गई. इसके बाद दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया और बदले हुए नाम पते के साथ वे बैंगलोर में किराए के मकान में रहने लगे. कुछ ही दिन में खुफिया विभाग को उसकी भनक लग गयी और जनवरी में यह प्रेमी जोड़ा पुलिस के हत्थे चढ़ गया. इसके बाद पुलिस ने जहां मुलायम सिंह यादव को जेल भेज दिया वहीं इकरा को 19 फरवरी को बाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया.
मुलायम सिंह यादव की भाभी निर्मला यादव अपने देवर के द्वारा ब्याही गयी इकरा को अपनाना चाहती हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए निर्मला ने कहाकि लड़की भले पाकिस्तान की हो लेकिन वह उनके देवर से बेपनाह प्यार करती थी तभी तो उसने अपनी जान जोखिम में डालकर दो देशों की सरहद को पारकर उनके देवर संग उसने शादी रचा ली. उनका कहना है कि इकरा का भारत आने का तरीका गलत था जिसकी उन दोनों को सजा मिल गयी है.अब वह सरकार से गुहार लगा रही हैं कि प्रेम करने वाले इस जोड़े की गलती को माफ कर सरकार उन दोनों को मिलाने का काम करे. इसके लिए वह केंद्र और प्रदेश सरकार से गुहार लगा रही हैं.
वहीं, बंगलूरू जेल में बंद मुलायम सिंह यादव की बुजुर्ग मां का कहना है कि उन्हें अपने बेटे से ज्यादा पाकिस्तान वापस भेजी गयी इकरा की चिंता सता रही है.जेल में बंद बेटे की याद में रोने वाली शांति देवी का कहना है कि बेटा तो देश में हैं लेकिन उसने जिस लड़की के साथ प्रेम विवाह किया है वह पाकिस्तान गई है. पता नहीं वहां उसके साथ कैसा बर्ताव हो रहा होगा. यह सोंचकर रूह कांप जाती है.