प्रयागराज: सैकड़ों सालों से दूर देश से आने वाले विदेशी पक्षियों का झुंड इस बार भी संगम तट पर श्रद्धालुओं को आकर्षित करने पहुंच गया है. संगम तट आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक न सिर्फ गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं. बल्कि ये श्रद्धालू प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाकर भी पुण्य अर्जित कर रहे हैं. वहीं संगम घूमने आने वाले लोगों का भी कहना है कि साइबेरियन पक्षियों की वजह से संगम की सुंदरता बढ़ गयी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें साल भर इन विदेशी मेहमानों का इंतज़ार रहता है. जैसे ही शहर के लोगों को संगम पर साइबेरियन पक्षियों के पहुंचने की जानकारी मिलती है, तो वो उन्हें देखने और दाना खिलाने संगम तट तक पर पहुंचने लगते हैं.
ठंड से बचने के लिए संगम तट पर पहुंचते हैं प्रवासी पक्षी
वहीं पर्यावरण के जानकर और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनुपम पांडेय का कहना है कि ये पक्षी सिर्फ साइबेरिया से ही नहीं बल्कि मंगोलिया, अफगानिस्तान के अलावा हिमालय के उत्तरी इलाकों से भी इनका गंगा के मैदानी इलाकों में आते हैं. पक्षियों के प्रयाग आने का ये लंबा सफर सैकड़ों सालों से चला आ रहा है.
प्रयागवासियों का प्यार और दुलार भी इन पक्षियों को आकर्षित करता है. क्योंकि ये पक्षी माघ महीने में जिस वक्त प्रयाग आते हैं, उस समय यहां माघ मेला और कुंभ मेला का आयोजन होता है. इसमें लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है. लेकिन उस भीड़ से डरने की जगह साइबेरियन पक्षी उनके बीच ही सुरक्षित रहकर वापस अपने वतन लौट जाते हैं.