प्रयागराजःपितरों के लिए विधि-विधान पूर्वक तर्पण आदि करना सभी मनुष्यों के लिए जरूरी होता है. इसी क्रम में जिले में पितृपक्ष की शुरुआत होने के साथ संगम में चहल पहल बढ़ गई है. इस समय बाढ़ ने अपना कहर बरपाया है लेकिन लोग अपने पितरों के श्राद्ध के लिए जिले में आने से पीछे नहीं हट रहे हैं. उत्तर प्रदेश हो या कोई अन्य प्रदेश, लोगों का मानना है कि प्रयागराज में प्रथम पिंडदान से ही इनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है.
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पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान
शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि काशी गया के पहले प्रयागराज में पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है. पुरोहितों की मानें तो जो भी व्यक्ति अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रयागराज आता है. पिंडदान तर्पण साद करने से वह कितनों की आत्मा की शांति कर लेता है.