प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की 5 अक्टूबर को षोडशी होगी. किसी भी संत महंत के ब्रह्मलीन होने के बाद 16वें दिन उनका षोडशी का कार्यक्रम किया जाता है. बता दें कि मठ बाघम्बरी गद्दी में महंत नरेंद्र गिरि के षोडशी के कार्यक्रम की तैयरियां की जा रही हैं.
क्या होती है षोडशी
जिस तरह से किसी गृहस्थ व्यक्ति की मौत के बाद 13वें दिन उसकी तेरहवीं का आयोजन किया जाता है, ठीक उसी तरह से किसी साधु संत के ब्रह्मलीन होने के बाद 16वें दिन उनकी षोडशी का आयोजन किया जाता है. तेरहवीं में जहां 13 ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद दान-दक्षिणा देकर विदा किया जाता है. वहीं षोडशी में 16 संत जिन्हें महापुरुष कहा जाता है, उनको शिव समान मानकर उनकी उनकी पूजा करने के बाद उन्हें भोजन कराकर भेंट दी जाती है. जिससे ब्रह्मलीन संत को हाल में मोक्ष की प्राप्ति हो.
महंत नरेंद्र गिरि का षोडशी कार्यक्रम विजया हवन संस्कार कराने वाले संत होते हैं शामिल षोडशी में जिन 16 संतो को बैठाकर, विधि-विधान के साथ उन्हें भोजन कराया जाता है उसमें अखाड़े से जुड़े वही साधु-संत शामिल हो सकते हैं जिनका पूरे विधि विधान के साथ विजया हवन संस्कार संपन्न हुआ हो. इन 16 संतो को ही महापुरुष कहा जाता है, जिन्हें भोजन करवाने से पहले उन्हें शिव स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है. उसके बाद उन्हें श्रद्धा के साथ भोजन कराया जाता है साथ ही जिस तरह की वस्तुएं ब्रह्मलीन हुए संत रोजाना इस्तेमाल करते थे, उसी तरह की समान इन्हें भेंट में दिए जाते हैं, जिसमें कपड़े, फल, गहने आदि कोई भी वस्तुएं हो सकती हैं.
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संत को मोक्ष के साथ शिवलोक की प्राप्ति होती है
ऐसी मान्यता है कि मनुष्य के अंदर 16 प्रकार के विकार होते हैं, जिसमें पांच विकार ज्ञानेंद्रियां, 5 कर्मेंद्रियां और 5 पंच महाभूत के होते हैं. इसके अलावा एक विकार मन होता है. मान्यता के अनुसार इन 16 प्रकार के विकारों में से किसी भी एक प्रकार के विकार की वजह से ब्रह्मलीन हुए संत को मोक्ष न मिला हो तो शिव समान 16 महापुरुषों को षोडशी के दिन पूजा और भोजन के बाद उन्हें भेंट देने से मृत आत्मा को मुक्ति मिल जाती है और शिवलोक में उसका वास होता है.
जुटेंगे देश भर के साधु-संत
मठ बाघम्बरी गद्दी की तरफ से अखाड़ों के अलावा देश भर के नामी साधु संतों को बुलाया जाएगा. पीएम मोदी और सीएम योगी के अलावा देश के कई बड़े नेताओं को भी षोडशी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. आश्रम में 5 अक्टूबर को 10 हजार से अधिक साधु-संतों के जुटने का अनुमान है. महन्त नरेंद्र गिरी के भक्त भी षोडशी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंचेंगे.
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ये था मामला
सनद रहे कि महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत 20 सितंबर को हुई थी. जिसके बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई की टीम करीब हफ्ते भर से मामले की जांच करने में जुटी हुई है, लेकिन अभी तक घटना के रहस्यों पर से पर्दा नहीं उठा है. हर कोई जानना चाहता है कि महन्त नरेंद्र गिरी ने सुसाइड किया था या उनकी मौत के पीछे कोई साजिश है. सुसाइड वाले कमरे की दशा और सुसाइड नोट के मिलने के बाद कोई इस घटना पर यकीन नहीं कर पा रहा है. बहरहाल इस केस से जुड़े कई और सवाल हैं जिनका सीबीआई जवाब तलाश रही है.