सोलर लाइट से जगमग होगा माघ मेला. प्रयागराज :सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए 2025 के कुम्भ मेले में सोलर लाइट का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे पहले साल 2024 में लगने वाले माघ मेले में इसका ट्रायल किया जाएगा. इसमें सफल रहने पर कुम्भ मेले में भी इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से बिजली भी बचेगी. बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर के अनुसार त्रिवेणी तट पर लगने वाले कुम्भ मेले में 4 से 5 करोड़ यूनिट बिजली की जरूरत पड़ेगी. इसे देखते हुए सोलर एनर्जी का भी सहारा लिया जाएगा. माघ मेले में इसका ट्रायल भी लिया जाएगा.
बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर विनोद कुमार ने बताया कि माघ मेले में हाइब्रिड सोलर सिस्टम लगाया जाएगा. लिथियम बैट्री वाले सोलर सिस्टम का ट्रायल आगामी माघ मेला में किया जाएगा. इससे कोहरे या बरसात की दशा में भी बिजली की निरंतर आपूर्ति होती रहेगी. लीथियम आधारित बैटरी सूरज की रोशनी से सोलर सिस्टम के जरिए चार्ज होगी.
सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित किया जाएगा. माघ मेले में कई जगहों पर होगा सौर ऊर्जा का इस्तेमाल :बिजली विभाग की तरफ से 2024 के माघ मेले में ट्रायल के रूप में मेला क्षेत्र की सड़कों पर यही सोलर लाइट लगाई जाएगी. इसके साथ ही मेला क्षेत्र में बने पांटून पीपा वाले पुल पर यही हाइब्रिड सोलर सिस्टम लगाए जाने की तैयारी है. मेला क्षेत्र में संगम और अन्य घाट भी सौर ऊर्जा से जगमग किए जाएंगे. माघ मेला में किया गया सोलर लाइट का यह प्रयोग सफल रहा तो कुंभ मेला में इन्हीं सोलर लाइटो का प्रयोग किया जाएगा.
सोलर एनर्जी से बिजली बचाने की योजना :बिजली विभाग के अफसरों के मुताबिक सोलर एनर्जी के जरिए माघ मेला में खपत का 10 प्रतिशत तक बिजली की बचत करने की योजना है. चीफ इंजीनियर का कहना है कि माघ मेला में 2 करोड़ यूनिट तक बिजली की खपत होती है, जबकि बिजली की यही जरूरत कुंभ 2025 में 5 करोड़ यूनिट तक पहुंच जाएगी. सोलर एनर्जी के जरिए शुरुआत में 10 फीसदी तक बिजली की जरूरत को सोलर एनर्जी से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. माघ मेला 2024 में लगेगा. इसमें यह प्रयोग सफल रहने पर कुम्भ मेले में सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाएगा. इसके बाद 15 फीसदी तक बिजली की जरूरत को सोलर लाइट के जरिए पूरा करने का लक्ष्य रखा जाएगा.
यह भी पढ़ें :कुंभ 2025 से पहले प्रयागराज एयरपोर्ट का होगा विस्तार, जानिए क्या रहेगा खास