प्रयागराज:संगम नगरी प्रयागराज में गंगा की रेती पर बसने वाले माघ मेले की तैयारियां शुरू हो गयी है. जनवरी 2023 में शुरू होने वाले माघ मेले की तैयारियों को पुलिस विभाग ने शुरु कर दिया है. गुरुवार को माघ मेला पुलिस लाइन के लिए अफसरों ने मिलकर भूमि पूजन किया. पुलिस महकमे के इस भूमि पूजन के साथ ही पुलिस लाइन के निर्माण के लिए कार्य भी शुरू कर दिए गए है.
माघ मेला क्षेत्र में पुलिस लाइन के अलावा थाना चौकी चेकिंग पॉइंट फायर स्टेशन आदि का भी निर्माण करवाया जाता है. मेले को लेकर सारी तैयारियां शुरु हो गई है. लेकिन, यह तैयारियां हर साल के मुकाबले इस बार देरी से शुरू हुई हैं. पुलिस के बाद मेला क्षेत्र में पुलिस थानों और पुलिस चौकियों के निर्माण का काम भी शुरू हो जाएगा. साथ ही मेला क्षेत्र में पुलिस कर्मियों की तैनाती का काम भी शुरू कर दिया जाएगा.
पुलिस अधिकारियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच किया भूमि पूजन:गुरुवार को माघ मेला क्षेत्र में त्रिवेणी रोड पर पुलिस लाइन के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया. एडीजी प्रेम प्रकाश, आईजी डॉ राकेश कुमार सिंह और एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय के साथ ही अन्य अफसरों ने मिलकर विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रोचार के बीच माघ मेला पुलिस लाइन निर्माण के लिए भूमि पूजन किया. इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने निर्विघ्न रूप से माघ मेले की शुरुआत से लेकर सम्पन्न होने की ईश्वर से प्रार्थना की.
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बता दें, हर साल संगम की रेती पर जनवरी महीने में माघ मेला होता है. इसमें देश भर के अलग अलग हिस्सों से आए हुए साधु संत और श्रद्धालु संगम तट पर पहुचंते हैं. यहां एक माह तक गंगा की रेती पर तंबुओं में रहकर एक महीने के कठिन कल्पवास व्रत को किया जाता हैं. इस दौरान पूरा संगम क्षेत्र आस्थामय हो जाता है. संगम क्षेत्र में साधु संतों के शिविरों में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता है. मेले के प्रमुख स्नान पर्व पर संगम क्षेत्र में लाखों की भीड़ जुटती है और उस दौरान संगम व माघ मेले की छठा अलौकिक देखने को मिलती है.
6 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व से शुरू होगा माघ मेला:जनवरी 2023 में शुरू हो रहे माघ मेले के प्रमुख स्नान पर्व इस प्रकार है. पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा 6 जनवरी को है, तो दूसरा स्नान पर्व मकर संक्रांति- 14 और 15 जनवरी को मनाया जाएगा. वहीं, माघ मेले का सबसे बड़ा स्नान पर्व मौनी अमावस्या 21 जनवरी को होगा. उस दिन संगम में आस्था की डुबकी लगाने वालों की संख्या करोड़ का आंकड़ा पार कर जाती है. इसके बाद 26 जनवरी को बसंत पंचमी का स्नान पर्व है. जबकि, 5 फरवरी को माघी पूर्णिमा के साथ माघ मेले में कल्पवास का समापन हो जाएगा. उसी दिन कल्पवासियों का एक माह का कल्पवास का व्रत पूरा हो जाएगा और वे अपने घरों को वापस चले जाएंगे. 18 फरवरी को शिवरात्रि के साथ ही माघ मेले का औपचारिक समापन हो जाएगा.
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