प्रयागराजः माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव को जनपद न्यायालय प्रयागराज में सोमवार को पेश किया गया. इस दौरान कोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. इसके साथ ही डॉन को कोर्ट में पेशी के दौरान बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाया गया था. माफिया डॉन के अलावा उसकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी भी बुलेट प्रूफ जैकेट से लैस थे.
कोर्ट का था आदेश
जिला अदालत ने प्रयागराज पुलिस के साथ ही बरेली पुलिस को निर्देश दिया था कि बबलू श्रीवास्तव को कड़ी सुरक्षा के बीच लाकर कोर्ट में पेश किया जाए. क्योंकि सुनवाई पर कोर्ट में न आने के लिए बबलू श्रीवास्तव की तरफ से अपनी जान का खतरा बताया गया था. डॉन बबलू श्रीवास्तव को कोर्ट में सुरक्षित पेश कर वापस भेजने के इस ऑपरेशन को पुलिस ने ऑपरेशन जैकाल नाम दिया था और जैकाल ही ऑपरेशन के कोडनेम भी था.
बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाकर कोर्ट रूम में पहुंचाया गया डॉन
16 अक्टूबर को प्रयागराज की कोर्ट में लाने से पहले अंडरवर्ल्ड डॉन बबलू श्रीवास्तव को कड़ी सुरक्षा प्रदान की गयी थी. जिसके तहत उसके साथ के पुलिस वालों को न सिर्फ अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया था. बल्कि पुलिस वालों को बुलेट प्रूफ जैकेट भी पहनाया गया था. इसके अलावा जिस वक्त बबलू को पुलिस की प्रिजन वैन से निकालकर गैंगस्टर कोर्ट में ले जाया जा रहा था. उस समय बबलू श्रीवास्तव भी बुलेटप्रूफ जैकेट पहने हुए था. कोर्ट रूम के अंदर आने जाने से लेकर पुलिस वैन के अंदर जाने तक बबलू श्रीवास्तव भी पुलिस वालों की तरह ही बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए नजर आ रहा था. इसके साथ ही जिस पुलिस वैन में अंडरवर्ल्ड डॉन को बैठाया गया था. उसके बाहर हथकड़ी लगाकर लॉक करके बरेली जेल से लाया गया था.
पेशी कराने को दिया गया था ऑपरेशन जैकाल नाम
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव को सुरक्षित तरीके से जनपद न्यायालय में लाने और ले जाने के इस मिशन को ऑपरेशन जैकाल नाम दिया गया था. साथ ही पूरे टीम में शामिल अधिकारियों और पुलिस वालों को ऑपरेशन के दौरान सीक्रेट कोड जैकाल दिया गया था. पेशी के दौरान वर्दी और बिना वर्दी वाले उन्हीं पुलिस वालों को डॉन बबलू के नजदीक पहुंचने दिया जा रहा था. जिनको ऑपरेशन जैकाल और उसके कोडनेम के बारे में जानकारी थी. इसके अलावा पेशी के दौरान डॉन बबलू के पास किसी मीडिया वाले को भी नहीं आने जाने दिया गया. मीडिया वालों को दूर से ही डॉन बबलू श्रीवास्तव की झलक देखने को मिली है. सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की वजह से कोई भी मीडिया कर्मी को डॉन के नजदीक पहुंचकर बातचीत नहीं कर सका.