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बिमल ने दिव्यांगता को दी मात, छोटा चरखा बना 'लिम्का बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में दर्ज कराया नाम - prayagraj khabar

प्रयागराज के बिमल किशोर ने जिले और प्रदेश का ही नहीं, बल्कि देश का भी नाम रोशन किया है. दिव्यांग होते हुए भी इन्होंने 2.50 सेंटीमीटर का गांधी जी का चरखा बनाकर अपना नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में दर्ज कराया है.

छोटा चरखा बना 'लिम्का बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में दर्ज कराया नाम
छोटा चरखा बना 'लिम्का बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में दर्ज कराया नाम

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Published : Jan 2, 2021, 12:53 PM IST

Updated : Jan 2, 2021, 7:51 PM IST

प्रयागराजः दिव्यांगता को अभिशाप मानने वालों के लिए बिमल किशोर ने एक नजीर पेश की है. उन्होंने 2.50 सेंटीमीटर का गांधी जी का चरखा बनाकर अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज कराया है. ऐसा कर उन्होंने जिले और प्रदेश के साथ देश का भी नाम रोशन किया है. आज इनको गैजट गुरु के नाम से भी जाना जाता है. दिव्यांगता के अभिशाप को दूर कर आज उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बना ली है.

बिमल ने दिव्यांगता को दी मात

लगन हो तो कोई नहीं बन सकता बाधक

दिव्यांगता को अभिशाप मानने वालों के लिए बिमल किशोर एक मिसाल बन गये हैं. वे प्रयागराज के तुला रामबाग के रहने वाले हैं. इन्होंने माइक्रो हस्तशिल्प के जरिये अनोखा सामान बनाने का कीर्तिमान हासिल किया है. बिमल किशोर ने एक इंच से भी कम कई सामानों को लकड़ी पर उकेरा है. जो देखने में बेहद छोटे हैं. इसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसे बनाना बिमल किशार के लिए कितना मुश्किल भरा रहा होगा.

बापू का चरखा

बिमल किशोर के बनाये गये चरखे की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इससे सूत भी काटा जा सकता है. ये चरखा लोगों को बहुत ही आश्चर्यचकित कर रहा है. बिमल से वे लोग प्रेरणा ले सकते हैं, जो दिव्यांगता को कमजोरी मान लेते हैं और जीवन से निराश हो जाते हैं. इंसान में अगर लगन हो, तो वो अपनी कमजोरी को ही हथियार बनाकर देश के साथ-साथ विदेशों में भी अपना परचम लहरा सकता है.

पिता ने किया प्रेरित

बचपन में ही उनके ऊपर पोलियो का अटैक हुआ था, जिससे उनके पांव सुने पड़ गये और चलने फिरने में तकलीफों का सामना करना पड़ता था. लेकिन इनके पिता ने कभी भी इन्हें दिव्यांग होने का एहसास नहीं होने दिया. अपने बच्चे की छिपी प्रतिभा और बच्चे में छिपी प्रतिभा को प्रेरित करते रहे और नतीजा आपके सामने है.

माइक्रो हस्तशिल्प से और भी चीज़े बनाई

जिसमें सबसे छोटा वर्ल्ड कप, 20-20 कप, साइकिल, कोलकाता का टमटम रिक्शा, हॉकी, बैट बॉल पिच, लटाई पतंग और हेलीकॉप्टर. ये सब नायाब चिजों को माइक्रो हस्तशिल्प कला के माध्यम से बमल किशोर ने बनाया है.

Last Updated : Jan 2, 2021, 7:51 PM IST

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