प्रयागराज: एक तरफ सरकार के द्वारा जहां भू माफियाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ तहसीलों में अधिकारियों से सांठगांठ करके भू माफिया फर्जी दस्तावेजों के सहारे किसानों की जमीनों का बैनामा कराने में लगे हुए हैं. प्रयागराज की बारा तहसील में लेखपाल राजस्व निरीक्षक व रजिस्ट्रार की मिलीभगत से सक्रिय भूमाफियाओं के द्वारा किसानों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर किसानों की जमीनों को बेचा जा रहा है. इसी प्रकार से कांटी गांव के कई किसानों की जमीन को भू माफियाओं के द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर बेंच दी गई है. वहीं पीड़ित किसानों को जब यह जानकारी मिली कि उनकी जमीन को फर्जी तरीके से बेचा गया है, तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई. आनन-फानन में बारा तहसील मुख्यालय पर पहुंचकर के उप जिलाधिकारी बारा से लिखित शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है.
भू माफियाओं ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दी किसानों की जमीन उप जिलाधिकारी से लगाई न्याय की गुहार
कांटी गांव के रहने वाले सीताराम, श्यामलाल, रमाशंकर,रामसखी की जमीन को भू माफियाओं के द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर बेंच दी गई है. वहीं बैनामें में चौहद्दी का भी उल्लेख किया गया है. पीड़ित किसानों को जब यह जानकारी मिली कि उनकी जमीन को फर्जी तरीके से बेच दी गई है, तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई. आनन-फानन में किसानों ने बारा तहसील मुख्यालय पर पहुंचकर उप जिलाधिकारी बारा से लिखित शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई. वहीं बैनामे की कॉपी में बेचने वाले व बैनामे में बनाए गए गवाहों की फोटो दोनों ही फर्जी हैं.
भू माफियाओं ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दी किसानों की जमीन रजिस्ट्री में लगाई गई फर्जी फोटो
पीड़ित किसान सीताराम ने बताया कि वह कभी तहसील तहसील गए ही नहीं गए है. जबकि रजिस्ट्री में लगाई गई फोटो उनकी नहीं है. किसी फर्जी व्यक्ति की है. वह किसान हैं अगर वह जमीन बेच देंगे तो उनके परिवार का भरण पोषण कैसे होगा. जबकि दूसरे पीड़ित किसान श्यामलाल ने बताया कि गांव के ही दयानंद उर्फ मुन्ना उनके पास जमीन बेचने की बात करने आए थे. जिस पर उन लोगों के द्वारा मना कर दिया गया था. लेकिन भू माफियाओं के द्वारा उनकी जमीन का जो फर्जी बैनामा कराया गया है, उसमें उनको बतौर गवाह दर्शाया गया है. जिससे यह प्रतीत होता है कि दयानंद बिंद के द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कराते हुए उनकी जमीन को बेचा गया है. जबकि काटी गांव में दयानंद बिंद पुत्र कमलेश प्रसाद नाम का कोई व्यक्ति है ही नहीं. जिसकी शिकायत पीड़ित किसान के द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज, जिलाधिकारी प्रयागराज, आईजी प्रयागराज रेंज, मंडलायुक्त के साथ-साथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से भी की गई है.
भू माफियाओं ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दी किसानों की जमीन इससे पहले भी हो चुका है फर्जी बैनामा का खेल
बारा तहसील में यह फर्जी बैनामा कराने का कोई पहला खेल नहीं है. इसके पूर्व भी काटी गांव के ही कुछ किसानों की जमीनों को फर्जी लोगों के द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार करके बेच दी गई थी. जिसकी शिकायत उपरोक्त किसानों के द्वारा बारा थाने में की गई थी और सभी आरोपियों को जेल भी भेजा गया था. लेकिन उसके बावजूद भी बारा तहसील में भू माफियाओं व अधिकारियों की मिलीभगत के चलते फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर किसानों की जमीनों को बेचने का खेल चल रहा है.