प्रयागराज: एक महीने से लगे लॉकडाउन की वजह से रोज कमाने खाने वाले मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. कमाई न होने की वजह से दूसरों से कर्ज लेकर घर परिवार चला रहे थे, लेकिन अब कर्ज न चुका पाने से परेशान हैं. कुछ ऐसा ही हाल ट्रक ड्राइवर और छोटी लोडर गाड़ियां चलाने वालों का भी है. इसके साथ ही लोन लेकर छोटी लोडर गाड़ियां खरीदने वाले मालिक भी किस्त न जमा कर पाने से परेशान हैं. कई ड्राइवरों को भी काम नहीं मिल पा रहा है तो वहीं कुछ लोग गाड़ी की किस्त जमा करने के लिए परेशान हैं.
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गाड़ियों में सामान लादने वाले मजदूर भी हैं बेहाल
ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रकों व दूसरी छोटी-बड़ी गाड़ियों में सामान लादने और उतारने वाले मजदूरों का भी कुछ ऐसा ही हाल है. उन्हें भी रोज काम नहीं मिल रहा है, जिससे उनके घरों में दो वक्त की रोटी बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इन मजदूरों का कहना है कि जबसे आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगा है, बहुत से सामानों की आवाजाही कम हो गई है, जिस वजह से उनकी कमाई भी बंद हो गई है. लोडिंग-अनलोडिंग करने वाले जो पल्लेदार रोजाना 500 से ज्यादा कमाते थे अब उन्हें रोज काम ही नहीं मिल रहा है.
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ड्राइवर और गाड़ी मालिक भी परेशान
ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रक व दूसरी छोटी गाड़ियों के ड्राइवर जहां भाड़ा न मिलने से परेशान हैं, वहीं कई गाड़ियों के मालिक महीने भर से गाड़ी के खड़ी होने की वजह से परेशान हैं. उनका कहना है कि भाड़ा न मिलने से कमाई बंद हैं, लेकिन गाड़ी की किस्त बैंक व प्राइवेट फाइनेंस कंपनी में जमा करनी पड़ेगी. प्राइवेट फाइनेंस कंपनी किस्त जमा करने में कोई राहत नहीं देती हैं, जिससे उनके सामने किस्त जमा करने की समस्या खड़ी हो गई है.