प्रयागराज :अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का शव पोस्टमार्टम के बाद बाघम्बरी मठ लाया गया. यहां पूरी रीति-रिवाजों के साथ तेरह अखाड़ों ने पूजन अर्चन किया. वहां उपस्थित साधु संत और उनके शिष्य शव यात्रा में शामिल हुए और उनको अंतिम विदाई दी. फिर शव यात्रा संगम के लिए रवाना हो गई.
पोस्टमार्टम के बाद नरेंद्र गिरि का शव बाघम्बरी गद्दी पहुंचा. शव के वहां पहुंचते ही वहां उपस्थित साधु-संतों और भक्तों की आंखें नम हो गईं. लोगों ने उनकी शव यात्रा को अंतिम विदाई देते हुए श्रद्धांजलि दी. यात्रा सीधे संगम के लिए रवाना हो गई. उसके बाद उन्हें लेटे हनुमान जी के मंदिर ले जाया गया. यहां महंत नरेंद्र गिरि ने लेटे हनुमान जी की कई वर्षों सेवा की थी.
वहीं, अमेठी से आए संत मौनी बाबा ने उनके सुसाइड नोट पर लिखे नीबू के पेड़ के नीचे समाधि बनाए जाने के संबंध में रोचक बात बताई. कहा कि जो संत यह इच्छा करे कि नींबू के पेड़ के नीचे उनकी समाधि बनाई जाए तो इसका मतलब यह है कि उनके पीछे कई षड्यंत्रकारी लगे हैं. वह संत को परेशान कर रहे हैं. ऐसा करने के बाद उनके शत्रुओं का विनाश शुरू हो जाता है.
यह भी पढ़ें :बाघम्बरी मठ में महंत नरेंद्र गिरी का भू-समाधि स्थल तैयार, देखें वीडियो
शिवयोगी मौनी बाबा ने कहा की समाधि उन सन्यासियों की होती है जो संन्यास लेने के बाद अपना पिंडदान उसी समय कर देते हैं. मरने के बाद उनको जलाया नहीं जाता. या तो भू-समाधि दी जाती है या जल समाधि की प्रक्रिया होती है. गड्ढे में पूजन करके उनको समाधि देते हैं. एक मूर्ति की तरह भक्त उनकी पूजा करते हैं.