प्रयागराज:दीपावाली से एक दिन पहले बुधवार को देश भर में छोटी दीपावाली मनाई जा रही है, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान कृष्ण, यमराज और बजरंगबली की पूजा करने का विधान है. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से मनुष्य नरक में मिलने वाली यातनाओं से बच जाते हैं. साथ ही अकाल मृत्यु से भी रक्षा होती है. आइए जानते हैं नरक चतुर्दशी के दिन किन- किन भगवान की पूजा-अर्चना करें.
जानिए नरक चतुर्दशी पर कैसे और किसकी पूजा-अर्चना करें - lord shiva
दीपावाली से एक दिन पहले छोटी दीपावाली मनाई जाती है, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन रात में यम पूजा के लिए दीपक जलाए जाते हैं. इसे यम दीपक भी कहते है.
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नरक चतुर्दशी के दिन मां काली की भी पूजा भी की जाती है. इसके लिए सुबह तेल से स्नान करने के बाद पूजा करने का विधान है. ये पूजा नरक चतुर्दशी के दिन आधी रात में की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां काली की पूजा से जीवन के सभी दुखों का अंत हो जाता है.
भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन नरकासुर राक्षस का वध कर उसके कारागार से 16,000 कन्याओं को मुक्त कराया था. इसीलिए इस दिन श्रीकृष्ण की भी पूजा की जाती है. नरक चतुर्दशी के दिन शिव चतुर्दशी भी मनाई जाती है. इस दिन शंकर भगवान को पंचामृत अर्पित करने के साथ माता पार्वती की भी विशेष पूजा की जाती है.
मान्यताओं के अनुसार इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन हनुमान पूजा करने से सभी तरह का संकट टल जाते हैं. कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.
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