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होलिका दहन पर दूर होगी वित्तीय परेशानी,बीमारियों से भी मिलेगा छुटकारा, जानें कैसे करें पूजा- शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में होली का त्यौहार बहुत अहम माना गया है. ये त्यौहार विष्णु भगवान के परम भक्त प्रहलाद की स्वयं रक्षा करने की याद में मनाया जाता है. होलिका दहन पर अगर आप करतें कुछ खास उपाय तो न केवल दूर हो सकती है बीमारी बल्कि हो सकती है आपकी माली हालत भी अच्छी, कैसे बताएंगे आगे.

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जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

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Published : Mar 17, 2022, 12:14 PM IST

Updated : Mar 17, 2022, 2:49 PM IST

प्रयागराजः होली का त्यौहार होलिका दहन के साथ शुरू होता है. इसके अगले दिन रंग-गुलाल के साथ होली खेली जाती है. इस साल 17 मार्च 2022 को होलिका दहन होगा और 18 मार्च को होली मनाई जाएगी. भारत में फागुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के अगले दिन होली मनाई जाती है. हिंदू धर्म के मुताबिक होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है.

बसंत महीना लगने के बाद से ही रंगों के त्यौहार होली का इंतजार शुरू हो जाता है. होली हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है. रंगों का त्यौहार होली हिंदू पंचाग के मुताबिक हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है. होली के एक दिन पहले पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन किया जाता है. इस बार होलिका दहन 17 मार्च 2022 को है. इसके एक दिन बाद यानी 18 मार्च को होली खेली जाएगी. हिंदू धर्म में होली का त्यौहार विशेष महत्व रखता है. होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है. जिसमें लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. होली के दिन सभी मिलकर एक दूसरे को रंग, अबीर और गुलाल लगाते हैं.

होलिका दहन के दिन करें ये अचूक उपाय

आपके घर में अगर कोई शख्स काफी दिनों से बीमार है और इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो रहा है, तो होलिका दहन के दिन के आटे के ओपले बनाकर वहां जाकर अपने ऊपर से उतारकर होलिका में डाल दें और हाथ जोड़कर घर चले आइए, वो भी बिना पीछे मुड़े. जिससे आप की चल रही बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है.

नौकरी और कारोबार में लाभ पाने का उपाय

होलिका दहन के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहन लें और एक नारियल लें, उसमें कलावा बांधकर अपने ऊपर से उतार कर होलिका में डाल दें फिर होलिका के सात चक्कर लगाकर हाथ जोड़कर घर चले जाए. इसके साथ ही पीछे मुड़ के न देंखे, जिससे आप की फाइनैंशल प्रॉब्लम दूर होगी.

होलिका दहन विधि

होलिका दहन की तैयारी कई दिनों पहले से होने लगती है. होलिका दहन वाले स्थान पर लकड़ियां, उपले और अन्य जलाने वाली चीजों को एकत्रित किया जाता है. इसके बाद होलिका दहन के शुभ मुहूर्त पर विधिवत रूप से पूजन करते हुए होलिका में आग लगाई जाती है. होलिका की परिक्रमा करते हुए पूजा सामग्री को होलिका में डाला जाता है.

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होलिका दहन का शुभ मुहूर्त मध्य रात्रि एक बजकर 1 मिनट से माना जा रहा है. होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. धार्मिक मान्यता है कि होलिका दहन करने से आस-पास की नाकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है. इस दिन शुभ मुहूर्त में ही पूजा करनी चाहिए.

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Last Updated : Mar 17, 2022, 2:49 PM IST

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