प्रयागराजः मेजा इलाके में रहने वाली दसवीं पास कर चुकी पारो निषाद (Paro Nishad) से 2019 में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की नाव यात्रा के दौरान मुलाकात हुई थी. जिसके बाद प्रियंका गांधी पारो को साथ लेकर थोड़ी दूर तक गई थी और उससे बातें भी की थी. उसी दौरान पारो से पढ़ाई लिखाई के साथ ही उसके घर परिवार के बारे में जानकारी ली थी. प्रियंका ने यह भी पूंछा था कि बड़ी होकर क्या बनोगी. उसके बाद प्रियंका गांधी की तरफ से पारो के लिए एक टैबलेट भेजा गया था. साथ ही त्योहारों पर उपहार और मिठाई भी भेजी गई है. तभी से पारो और उसका परिवार प्रियंका गांधी के मुरीद हो गए हैं.
प्रियंका गांधी कर रही पारो की मदद
पारो मेजा इलाके के सिरसा में गंगा किनारे रहती है. पारो के पिता बृजलाल निषाद मछली का व्यापार करते हैं. पारो तीन बहनों में तीसरे नंबर की है और उसका एक बड़ा भाई है. वह दूसरे शहर में रहकर नौकरी करता है. पारो की दोनों बड़ी बहनों ने आठवीं और दसवीं तक ही पढ़ाई की है, लेकिन पारो ने प्रियंका गांधी से मिलने के बाद ये फैसला लिया कि वो जीवन में पढ़ लिखकर कुछ करना चाहती है. इसी वजह से उसने प्रियंका गांधी से भी पढ़ाई की ही बात की थी.
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