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करवा चौथ व्रत आज, ज्योतिषाचार्य से जानें पूजा का विधि विधान... - Laws of Karva Chauth Puja

करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है. इस दिन वह निर्जल व्रत रखती हैं और अपने पति की लंभी आयु की कामना करती हैं.

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करवा चौथ व्रत आज

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Published : Oct 13, 2022, 9:53 AM IST

प्रयागराज: भारत में सुहागिनों के लिए करवा चौथ का व्रत बेहद खास माना जाता है. इस बार ये व्रत 13 अक्टूबर यानी कि गुरुवार को मनाया जा रहा है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पति की आयु लंबी होती है. साथ ही वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. सुहागिनें करवा चौथ का निर्जला व्रत रखती हैं और चौथ माता की पूजा करती हैं. इस दिन रात में चंद्रमा का दर्शन और अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती हैं.

सरगी से होती है शुरुआत
करवा चौथ के दिन सुबह सरगी के साथ दिन की शुरुआत होती है. सरगी सास ससुर या पति के द्वारा व्रतधारी स्त्री को दिया जाता है. नारियल मिठाइयां, कपड़े और श्रृंगार का सामान देती हैं. इन सामानों के साथ सरगी शुरू होता है. सुहागिन औरतों को जल्दी उठकर जब तक कि तारे निकले होते हैं तब तक सरगी खा लेना चाहिए, क्योंकि तारों के डूबने के बाद नहीं खाया जाता है. इसके बाद सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं.

जानकारी देते हुए ज्योतिषाचार्य

करें 16 श्रृंगार
इस दिन खास दिखने के लिए महिलाएं कई दिन पहले से तैयारियां शुरू करती हैं. जी हां पूरे 16 श्रृंगार से महिलाएं सजती हैं. चुनरी, चूड़ियां, ज्वेलरी और मेंहदी लगवाती हैं. फिर शाम को विधि विधान से पूजा करती हैं.

बाया देना भी होता है शगुन
जिस तरह सास को अपनी बहू को सरगी देनी चाहिए. वैसे ही लड़की के मायके से बाया भी आता है. बाया मायके से जुड़ा एक रिवाज है. पहली बार करवा चौथ का व्रत कर रही महिलाओं के घर भी शाम को पूजा से पहले मायके से ससुराल में कुछ मिठाइयां, तोहफे और मेवे उपहारस्वरूप भेंट किए जाने की रस्म है, यहीं रस्म बाया है. करवा चौथ में जितना महत्व व्रत और पूजा का है, उतना ही महत्व करवा चौथ व्रत की कथा सुनने का भी है, जो कि शुभ फलदायी है. इसलिए जो महिलाएं पहली बार इस व्रत को कर रही हैं, उन्हें पूजा के साथ ध्यान से कथा भी सुननी चाहिए.

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