प्रयागराज:महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में तैनात गनर अजय कुमार सिंह पर कानूनी शिकंजा कसना शुरू हो गया है. महंत नरेंद्र गिरि के जिंदा रहते हुए उनके इस सरकारी गनर की हनक की चर्चा हर तरफ होती थी. अब गनर की जांच में आय से अधिक संपत्ति का पता चला है. एंटी करप्शन टीम की तरफ से अजय कुमार सिंह के खिलाफ कर्नलगंज थाने में केस दर्ज करवाया है.
कई बार मोहलत के बाद भी नहीं दे पाया जानकारीः एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच में सिपाही अजय ने सरकारी तनख्वाह व अन्य आय स्त्रोतों से कुल कमाई 95 लाख 79 हजार से अधिक की रकम का हिसाब दिया है. जबकि जांच में सिपाही का खर्च 1 करोड़ 22 लाख से ज्यादा का मिला है. 27 लाख से अधिक अवैध रकम की जानकारी सिपाही अजय कई बार मोहलत लेने के बावजूद भी जांच एजेंसी को नहीं दे सका है. जिसके बाद एंटी करप्शन की प्रयागराज टीम की तरफ से सिपाही अजय कुमार सिंह के खिलाफ कर्नलगंज थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज करवा दिया गया है. इसी के साथ जांच टीम को अजय के पास और भी बेनामी संपत्ति होने का शक है, जिसकी जांच अभी भी की जा रही है.
महंत का बेहद करीबी था गनर अजय:सिपाही अजय सिंह 2005 में पुलिस में नौकरी जॉइन की थी. इसके बाद 2012 में उसकी तैनाती महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में कर दी गई. कुछ दिनों बाद ही सिपाही महंत नरेंद्र गिरि का बेहद खास बन गया. उसने महंत का विश्वास जीत लिया और उनके संरक्षण में मठ में ही रहने लगा था. बाद में मठ के बगल में बने अपार्टमेंट में पत्नी के नाम पर 54 लाख रुपये में फ्लैट ले लिया और फिर परिवार भी वहीं पर रहने लगा. यही नहीं उसके पास फार्च्यूनर कार और एक ऑल्टो कार के साथ ही बुलेट भी है. इसी के साथ अजय मंहगे कपड़े, जूते और सोने की चेन व अंगूठी पहनने का शौकीन है.
सामाजिक कार्यकर्ता ने पहले भी की थी शिकायतः सिपाही अजय का रहन-सहन किसी अमीर आदमी से कम नहीं है. यही कारण था कि वो अक्सर चर्चा में भी रहता था. महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य रहे आनंद गिरि और सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने अजय की शिकायत की थी. लेकिन, महंत नरेंद्र गिरि के रहते हुए उसपर कोई आंच नहीं आ सकी. लेकिन, महंत की मौत के बाद अजय पर जांच की गई. तो पता चला की सिपाही ने आय से अधिक संपत्ति जुटाई हुई है. अभी फिलहाल में सिपाही की तैनाती कौशांबी जिले में बताई जा रही है. एफआईआर दर्ज होने के बाद सिपाही पर कानूनी शिकंजा कसने वाला है.