प्रयागराजःइलाहाबाद हाईकोर्ट ने उर्दू स्कॉलर मिर्जा शफीक हुसैन शफाक पर एसएसपी / एसपी के समक्ष एक वैवाहिक विवाद में पासपोर्ट जमा करने पर अंतरिम जमानत की शर्त हटाने का आदेश दिया है. जस्टिस सिद्धार्थ ने इस प्रकार की शर्त को 'कठिन' बताते हुए कहा कि ऐसी शर्त विदेश यात्रा करने के मौलिक अधिकार का हनन है. हाईकोर्ट ने इस प्रकार के मामले में कैप्टन अनिला भाटिया बनाम हरियाणा राज्य केस में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले का हवाला दिया.
कैप्टन अनिला भाटिया मामले में कोर्ट ने पासपोर्ट को जमानत की शर्त के तौर पर जब्त करने के संबंध में महत्वपूर्ण टिप्पणी की थी. न्यायालय ने कहा कि "आपराधिक अदालतों को ऐसी शर्त लगाने में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए. हर मामले में जहां किसी आरोपी के पास पासपोर्ट है, उसके समर्पण के लिए कोई शर्त नहीं हो सकती. कानून किसी आरोपी को तब तक निर्दोष मानता है जब तक कि उसे दोषी घोषित नहीं कर दिया जाता. एक निर्दोष व्यक्ति के रूप में वह संविधान के तहत मिले सभी मौलिक अधिकारों का हकदार है.
हाईकोर्ट ने कहा कि अदालत को जमानत पर रिहा करने का आदेश देते समय न्याय की प्रक्रिया विफल करने की संभावना पर विचार करना होगा, और कानून के साथ-साथ अभियुक्त के व्यक्तिगत अधिकार पर भी विचार करना होगा. अदालत को यह तय करना होगा कि क्या अभियुक्त की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बावजूद न्याय के हित के लिए आवश्यक है कि उसे अपना पासपोर्ट जमा करवाकर उसकी आवाजाही के अधिकार को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए."