प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि संग्रह अमीन के पद पर कार्यरत रहे याची को पेंशन लाभ दिए जाने के मामले में उसके नियमितीकरण से पूर्व की सेवा को भी जोड़ा जाए. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में पहले ही निर्णय ले चुकी है कि नियमितीकरण से पूर्व की सेवाएं पेंशन लाभ हेतु जोड़ी जाएंगी, निर्णय के बाद सरकार द्वारा पेंशन लाभ में नियमितीकरण से पूर्व की सेवा नहीं जोड़ना औचित्य पूर्ण नहीं है. सेवानिवृत्त संग्रह अमीन अजीत सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने दिया.
याची के अधिवक्ता सैयद वाजिद अली का कहना था कि याची 1987 से सीजनल संग्रह अमीन के तौर पर काम कर रहा था. 2 जनवरी 2011 को उसे नियमित किया गया. उसके द्वारा नियमितीकरण से पूर्व की गई सेवा को पेंशन लाभ हेतु जोड़ा जाए। याची के अधिवक्ता ने कौशल किशोर चौबे केस का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में राज्य सरकार ने स्वयं हाईकोर्ट में हलफनामा देकर के बताया कि उसने संग्रह अमीन के पेंशन लाभ में उनके नियमितीकरण से पूर्व की सेवा को जोड़ने का निर्णय लिया है.