प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने गौतम बुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा में रेलवे के डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर निर्माण के लिए भूमि-अधिग्रहण के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है. वहीं केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह याची गण को वर्तमान बाजार मूल्य के अनुसार मुआवजे का भुगतान करें तथा राज्य सरकार से कहा है कि वह उन दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करें, जिन्होंने केंद्र सरकार को इस बात की गलत सूचना प्रेषित की, कि याची गण की ओर से मुआवजे के निर्धारण को लेकर के कोई आपत्ति नहीं की गई है.
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने जयवीर सिंह व अन्य किसानों की याचिका पर दिया है. 11 फरवरी 2019 को रेलवे एक्ट की धारा 20ए और धारा 20ई के तहत प्रकाशित अधिसूचना को चुनौती दी गई थी. याचीगण का कहना था की रेलवे ने डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु अधिसूचना प्रकाशित की थी. भूमि का अर्जन होने के बाद ग्रेटर नोएडा एथॉरिटी की मांग पर और भूमि के अधिग्रहण की अधिसूचना प्रकाशित की गई. याची गण ने मुआवजे के निर्धारण को लेकर अपनी आपत्ति दाखिल की. उन्हें सुने बिना यह रिपोर्ट भेज दी गई कि किसी ने कोई आपत्ति नहीं की है.