प्रयागराजः दशहरे में लगे दुर्गा पूजा पंडालों में स्थापित मूर्तियों का विसर्जन संगम क्षेत्र गंगा किनारे राम घाट के पास काली सड़क के बने कृत्रिम तालाब में किया जाएगा. ये आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने बंगाली वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव पी के राय और सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र पांडेय की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.
याचिका पर अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव और सुनीता शर्मा ने बहस की. याचिका में मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था को लेकर पारित हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने की मांग की गई थी. याची राय ने 2015 में मूर्ति विसर्जन को लेकर याचिका दायर की थी. सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल कर आश्वासन दिया गया था कि मूर्ति विसर्जन की समुचित व्यवस्था की जायेगी.
जिसके तहत राम घाट पर गंगा किनारे 130 मीटर लंबा, 40 मीटर चौड़ा और 7 फीट गहरा तालाब खोदा गया था. पहुंच मार्ग, लाइट व्यवस्था, गंगा जल भरा तालाब और विसर्जन के प्लेटफार्म के इंतजाम किए गए थे. कोर्ट ने जिलाधिकारी को अपने विवेक से व्यवस्था करने का निर्देश दिया था.
याची का कहना है कि यह व्यवस्था 2014 में भी लागू की गई थी. जिसे कोर्ट के आदेश पर 2018 तक चलाया गया. 2019 और 2020 में अंदावां के तालाब में मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की गई थी. इस वर्ष फिर से गंगा किनारे कृत्रिम तालाब बनाकर मूर्ति विसर्जन के पुराने आदेश पर अमल करने का निर्देश दिया गया है. कोर्ट के इस आदेश से बारवारियों ने खुशी जाहिर की है. इलाहाबाद दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष एन के चटर्जी व संरक्षक एस सी मिश्र, बंगाली वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव डॉक्टर पी के राय ने कोर्ट आदेश प्राप्त करने के लिए आभार प्रकट किया है.
मालूम हो कि गंगा प्रदूषण को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गंगा में गंदे नाले गिरने से रोकने और एसटीपी में शोधित पानी ही जाने देने का निर्देश दिया है. मूर्ति विसर्जन से गंगा में मूर्ति के रंगों से बढ़े प्रदूषण से चिंतित कोर्ट ने मूर्ति विसर्जन तालाबों में करने का निर्देश दिया. न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण कुमार गुप्ता ने सुझाव दिया कि प्रयागराज शहर की दुर्गा प्रतिमाओं को गंगा किनारे कृत्रिम तालाब खोदकर विसर्जन की व्यवस्था से गंगा प्रदूषित नहीं होगी.
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कोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी ने प्रशासन को इसकी व्यवस्था करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने गंगा किनारे के सभी शहरों में गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा रखी है. तालाब में मूर्ति विसर्जन किया जा रहा है. प्रयागराज में दो वर्ष से व्यवस्था न होने के कारण तालाब में विसर्जित किया गया था. इस बार अधिवक्ता वी सी श्रीवास्तव की मांग पर कोर्ट ने 2015 के आदेश का पालन करने और मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.