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भारत रत्न की धरती है संगम नगरी, पढ़िए कितनों लोगों को मिला यह सम्मान

धर्म कर्म और शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा अग्रणी रहने वाला प्रयागराज सिर्फ गंगा जमुनी तहजीब के लिए ही फेमस नहीं है बल्कि संगम नगरी में देश की राजनीति का भी खासी चमक रही है. जी हां, यहां से कई राजनीतिज्ञ निकले जिन्होंने यूपी ही नहीं पूरे देश की राजनीति में अपनी छाप छोड़ी और भारत रत्न से सम्मानित हुए.

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Published : May 28, 2022, 9:18 PM IST

Updated : May 28, 2022, 10:19 PM IST

प्रयागराज :संगम नगरी गंगा जमुनी तहजीब के लिए ही फेमस नहीं है बल्कि संगम नगरी में देश की राजनीति की भी खासी चमक रही है. जी हां, इस शहर में जन्मे और यहां से जुड़ी महान हस्तियां भी गंगा जमुनी तहजीब वाले शहर की पहचान बन चुकी हैं. गंगा यमुना के किनारे वाले शहर के कोतवाली के चौक मालवीय नगर मोहल्ले की बात करें तो इन मोहल्लों में जन्में पंडित जवाहर लाल नेहरू, महामना मदन मोहन मालवीय और राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन भारत रत्न प्राप्त कर चुके हैं.

संगम नगरी की अपनी है खासियत, कई बड़ी हस्तियों का जुड़ा है नाम

इनके अलावा देश की आयरन लेडी के नाम से मशहूर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म भी प्रयाग की माटी में ही हुआ है जबकि पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की कर्मभूमि प्रयागराज रही है. उनके अलावा राजीव गांधी का भी प्रयागराज से गहरा नाता रहा है.

वर्तमान में प्रयागराज कोतवाली इलाके के अंतर्गत आने वाले चौक इलाके को भारत रत्न देने वालों की धरती कहा जाता है क्योंकि इस इलाके की गलियों में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था. पास में ही मालवीय नगर की गली में महामना मदन मोहन मालवीय का जन्म हुआ.

जवाहर लाल नेहरू

उनके बगल की दूसरी गली में पुरुषोत्तम दास टंडन का भी जन्म हुआ था जिन्हें राजर्षि की उपाधि भी दी गयी थी. इस तरह से चौक लोकनाथ मोहल्ले की गलियों में जन्में तीन महान हस्तियों को देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न दिया जा चुका है. यही वजह है कि इस इलाके को लोग भारत रत्न देने वाली धरती कहते हैं.

लाल बहादुर शास्त्री

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स्थानीय निवासियों ने कहा भारत रत्नों की खान है संगम नगरी
प्रयागराज के रहने वाले पुराने कांग्रेसी नेता अभय अवस्थी का कहना है कि वो प्रयागराज की इस धरती को भारत रत्न की खान मानते हैं क्योंकि देश का कोई भी दूसरा जिला या मोहल्ला ऐसा नहीं होगा जहां पर एक ही इलाके में आधा किलोमीटर से भी कम के क्षेत्रफल में तीन भारत रत्न हासिल करने वाले महान लोगों का जन्म हुआ हो.

इंदिरा गांधी

अब तक इस जिले में जन्में या यहां से जुड़े 6 लोग देश का सर्वोच्च सम्मान हासिल कर चुके हैं. यही नहीं, अभय अवस्थी को यह भी उम्मीद है कि प्रयागराज में शिक्षा साहित्य कला और खेल के क्षेत्र से जुड़े कई नामचीन लोग हैं जिन्हें अभी भारत रत्न मिलने की उम्मीद हैं. अमिताभ बच्चन और हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद समेत शिक्षा और साहित्य जगत से जुड़े सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा जैसी कई और महान हस्तियां भी इस सम्मान की हकदार हो सकती हैं.

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म भी प्रयागराज की माटी में ही आनंद भवन में हुआ था. इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म तो प्रयागराज में नहीं हुआ. उनकी कर्मभूमि प्रयागराज ही रही है.

लाल बहादुर शास्त्री फूलपुर लोकसभा से सांसद चुने गए थे. इस तरह से प्रयागराज की धरती उनकी कर्मभूमि रही है. लाल बहादुर शास्त्री की कर्मभूमि प्रयागराज रही है. इसके साथ ही राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन के जन्म स्थल के पास ही रहते थे. इस तरह से न सिर्फ प्रयागराज उनकी कर्मभूमि रही है बल्कि मालवीय नगर अहियापुर में उनका काफी समय बीतता था.

अब तक 48 महान हस्तियों को मिला है भारत रत्न :अंग्रेजी शासन से आजादी मिलने के बाद 1955 से देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने की शुरुआत की गई है. आजादी के बाद से अब तक कुल 48 महान हस्तियों को देश के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है. इस सम्मान को पाने वाले 48 महान हस्तियों में से 6 लोग सिर्फ प्रयागराज से जुड़े हुए हैं.

भारत रत्न की धरती है संगम नगरी

कब किसको मिला भारत रत्न :देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को 1955 में भारत रत्न सम्मानित किया गया. महामना मदन मोहन मालवीय को 2014 में भारत रत्न सम्मान किया गया. राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन को 1961 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को 1966 में भारत रत्न सम्मान दिया गया. वहीं, देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा भवन को 1971 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया जबकि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को 1991 में उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया गया.

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Last Updated : May 28, 2022, 10:19 PM IST

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