प्रयागराज:कुछ सालों में यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में छात्र आवेदन करते हैं. यूपी बोर्ड के 100 साल के इतिहास में विद्यार्थियों की संख्या करोड़ों पार कर चुकी है. हर दो साल में एक करोड़ से अधिक छात्र छात्राएं दसवीं, बारहवीं की परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन करते हैं. ऐसे में हर साल हजारों छात्र छात्राओं की मार्कशीट या सर्टिफिकेट किसी कारणवश खो जाते हैं, या नष्ट हो जाते हैं. ऐसे छात्रों को अंकपत्र और प्रमाणपत्र को दोबारा बनवाने के लिए को पैसा और वक्त दोनों बर्बाद करना पड़ता है. कुछ लोग दलालों के चंगुल में फंसकर भी इस काम के बदले हजारों रुपये खर्च करते हैं. अगर आपका भी अंकपत्र या प्रमाणपत्र खो जाए, या उसमें किसी प्रकार की त्रुटि है तो, उसे आसानी से कैसे ठीक करवाया जा सकता है.
अंकपत्र प्रमाण पत्र खो जाने पर दोबारा बनवाने के लिए कैसे आवेदन करें:यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकान्त शुक्ला ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से छात्र छात्राओं के खोए हुए मार्कशीट सर्टिफिकेट को दोबारा बनवाने के लिए छात्र छात्राओं की सहूलियत के लिए बोर्ड के सभी क्षेत्रीय कार्यालय से दोबारा मार्कशीट सर्टिफिकेट जारी करने की सुविधा शुरू हो चुकी है. 1982 के बाद से बोर्ड की परीक्षा पास करने वाले सभी अभ्यर्थियों के खोया हुआ सर्टिफिकेट, मार्कशीट उनके संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से आवेदन कर प्राप्त किए जा सकते हैं. यूपी बोर्ड मुख्यालय में सिर्फ 1982 के पहले के जो मार्कशीट सर्टिफिकेट जारी हुए हैं, उनकी कॉपी दोबारा जारी करने की सुविधा है.
इन क्षेत्रीय कार्यालयों से हासिल कर सकते हैं अंकपत्रःदिव्यकान्त शुक्ला ने बताया कि प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली और गोरखपुर में क्षेत्रीय कार्यालय है. जहां से छात्र दोबारा अंकपत्र और प्रमाणपत्र हासिल कर सकते हैं. अंक पत्र प्रमाण पत्र की दूसरी कॉपी हासिल करने के लिए अभ्यर्थियों को अपने जिले के सम्बंधित क्षेत्रीय कार्यालय जाकर प्रक्रिया पूरी करनी होगी. जिसके बाद उन्हें दूसरी प्रति मिल जाएगी. इसी तरह से अंकपत्र प्रमाणपत्र में किसी प्रकार की त्रुटि होने पर ठीक वैसे ही आवेदन करना है. बस इसमें फर्क इतना है कि खोने का विज्ञापन अखबार में नहीं छपवाना पड़ेगा. लेकिन, संशोधन से पहले या बाद में आपको त्रुटि वाली मार्कशीट या सर्टिफिकेट को संबंधित कार्यालय में जमा करना पड़ेगा. त्रुटिपूर्ण अंकपत्र प्रमापणपत्र जमा करने के बाद ही संशोधित कॉपी दी जाती है.
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