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बीएसएफ जवान की बंगलादेश सीमा पर गोली लगने से मौत पर केंद्र सरकार से जवाब-तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने भारत-बंगलादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के सहायक उपनिरीक्षक की गोली लगने से मौत मामले में केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.

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Published : Sep 17, 2021, 11:01 PM IST

प्रयागराजःइलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने भारत-बंगलादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के सहायक उपनिरीक्षक की गोली लगने से मौत की सीबीआई जांच की मांग में दाखिल याचिका पर केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है. याचिका की अगली सुनवाई 6अक्टूबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति आर के गौतम की खंडपीठ ने मनोरमा मिश्रा की याचिका पर दिया है.

याची की अधिवक्ता नितेश श्रीवास्तव का कहना है कि देवरिया के जिगना मिश्र गांव के निवासी कृष्ण मुरारी मिश्र सीमा पर तैनात थे. 7अगस्त 2019 की रात सिर में गोली लगने से कृष्ण मुरारी की मौत हो गई थी. जिलाधिकारी देवरिया के आदेश पर डॉक्टरों की टीम ने 10 अगस्त 2019 को दोबारा पोस्टमार्टम किया. पीएम रिपोर्ट में सिर में दाहिनी तरफ से दो गोली मारी गई जो बाईं तरफ से निकल गई. डॉक्टर टीम ने आत्महत्या के बजाय हत्या की आशंका जताई है. जबकि विभाग हत्या को आत्महत्या करार दे रहे हैं।.इसलिए निष्पक्ष जांच कराई जाए. याची का कहना है कि सीमा सुरक्षा बल 145 बटालियन के कमांडेंट ने 11सितंबर को पत्र लिखकर बताया कि त्रिपुरा सेपाहीजाला के सोनापुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और विवेचना चल रही है. 31 जनवरी 2020 को कमांडेंट फ्रंटियर कार्यालय त्रिपुरा याची को सूचना दी कि सभी तथ्यों से विवेचना अधिकारी व एसपी देवरिया को अवगत कराया गया है. याचिका में हत्या की आशंका की सीबीआई जांच की मांग की गई है.

3 अभ्यर्थियों को राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल प्रवेश टेस्ट में बैठने की दी अनुमति
प्रयागराजःइलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर निवासी आकाश यादव और दो अन्य को 19 सितंबर को होने वाले राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल प्रवेश टेस्ट 2021-22 में शामिल होने की अनुमति दी है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि आदेश की प्रति टेस्ट लेने वाले विपक्षी अधिकारी को ईमेल, फैक्स या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजे. किन्तु यह अंतरिम आदेश याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा. यह आदेश न्यायमूर्ति वी के बिड़ला ने याची के अधिवक्ता प्रमेन्द्र प्रताप सिंह की दलील पर दिया है.

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अधिवक्ता प्रमेंद्र प्रताप ने कोर्ट में दलील दी कि परीक्षा शुल्क ऑनलाइन जमा हो चुका है और यह याचियों के लिए आखिरी मौका है. गाजीपुर से कम समय में लखनऊ सेंटर पर ही पहुंचा जा सकता है. इसलिए लखनऊ में टेस्ट में बैठने की अनुमति दी जाए. वहीं, इस मामले में कोर्ट ने भारत सरकार के अधिवक्ता से जवाब मांगा है.

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