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सीएमओ डॉ. हरगोविंद सिंह के फर्जी मामले में कार्यवाही पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संत कबीर नगर के सीएमओ डॉ. हरगोविंद सिंह के खिलाफ फर्जी कोविड सर्टिफिकेट बनाने के आरोप में आपराधिक षडयंत्र और धोखाधड़ी आदि धाराओं में दर्ज मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा जज ऐसे आदेश न दे जो न्यायिक कसौटी पर खरे न उतरते हों.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Published : May 14, 2021, 3:31 AM IST

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संत कबीर नगर के सीएमओ डॉ. हरगोविंद सिंह के खिलाफ फर्जी कोविड सर्टिफिकेट बनाने के आरोप में आपराधिक षडयंत्र और धोखाधड़ी आदि धाराओं में दर्ज मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की विभिन्न कोर्ट में कार्यरत न्यायिक अधिकारियों से गुजारिश की है कि कोरोना महामारी के दौरान ऐसे आदेश न सुनाए जो न्याय तंत्र में बाधक हों. कोर्ट ने विधायक की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट को फर्जी मान कर सीएमओ पर एफआईआर दर्ज करने वाले जज को भविष्य में सावधान रहने और न्यायिक कसौटी पर खरे न उतरने वाले आदेश न देने की नसीहत भी दी है.

सीएमओ के खिलाफ गलत एफआईआर दर्ज

कोर्ट ने संत कबीर नगर एक न्यायिक अधिकारी की संवेदनहीनता को दुखद करार दिया. जिसने अदालत में तलब विधायक को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट देने वाले सीएमओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा ऐसा आदेश न्यायिक कसौटी पर खरा नहीं उतर सकता. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की ओर से पेंडेमिक गाइडलाइंस जारी की गई है, जिसमें अभियुक्त की पेशी न कराने के निर्देश जारी किये गये हैं. कोर्ट ने कहा कि सीएमओ रिपोर्ट की सत्यता का सत्यापन राज्य की वेबसाइट से की जा सकती थी. इसके बावजूद न्यायिक अधिकारी ने कोरोना रिपोर्ट को बिना परीक्षण कराये फर्जी करार दिया और सीएमओ के खिलाफ एफआई आर दर्ज करा दी.

फिलहाल कोर्ट ने एफआईआर के तहत कायम मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी और तथाकथित आरोपी बनाए गए सीएमओ को गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि याची और अन्य सह अभियुक्तों का किसी प्रकार से उत्पीड़न न किया जाय. यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. के जे ठाकर तथा न्यायमूर्ति अजीत सिंह की खंडपीठ ने संत कबीर नगर के सीएमओ डॉ. हरगोविंद सिंह की याचिका पर दिया है.

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विधायक की कोरोना रिपोर्ट आई थी पॉजिटिव
मालूम हो कि कोर्ट में तलब एक विधायक ने कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट दिखा कर पेशी में न आने की वजह बतायी थी, जिसे कोर्ट ने फर्जी माना और नाराज होकर रिपोर्ट देने वाले सीएमओ व अन्य अधिकारियों के खिलाफ खलीलाबाद कोतवाली में एफ आई आर दर्ज करने का आदेश दिया. 16दिसंबर 2020 को एफआईआर दर्ज होने पर सीएमओ ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने कहा सीएमओ इलाज नहीं करता और कोरोना रिपोर्ट राज्य वेबसाइट पर होती है. बिना वजह उसे फर्जी मान लेना सही नहीं है. याचिका की सुनवाई एक जुलाई को होगी.

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