प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईटेक पॉलिसी के तहत गाजियाबाद के अधिग्रहित जमीन में भू-माफियाओं के विकास में रोड़ा अटकाने को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से इनके खिलाफ की गयी कार्रवाई की जानकारी मांगी है. याचिका की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी.
भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कोर्ट
ये आदेश न्यायमूर्ति एन ए मुनीस और न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने उप्पल चड्ढा हाईटेक डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर दिया है. याची का कहना है कि वेव सिटी के लिए अधिग्रहित जमीन पर विकास का काम कंपनी और जीडीए को करना है. लेकिन कुछ अराजक तत्व इस काम में व्यवधान डाल रहे हैं. जिला प्रशासन से सहायता मांगी गयी है, लेकिन कोई सहायता नहीं मिल पा रही थी. जिसके बाद याचिका में राज्य सरकार और दूसरे प्राधिकारियों को याची को विकास के काम की अनुमति देने और इसमें सहयोग देने का निर्देश जारी करने की मांग की गयी है.
मालूम हो कि साल 2003 में राज्य सरकार ने निजी डेवलपर्स की भागीदारी से राज्य के प्रमुख शहरों से सटे क्षेत्र में हाई-टेक टाउनशिप विकसित करने के लिए एक नीति तैयार की. इस नीति के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने याची कंपनी का चयन किया. गाजियाबाद में हाई-टेक टाउनशिप के विकास के लिए, 'वेव सिटी गाजियाबाद' के नाम से करीब 4500 एकड़ जमीन की अधिगृहीत की. स्थानीय असामाजिक तत्व विकास काम में लगातार बाधा पैदा कर रहे हैं. शिकायत दर्ज होने के बावजूद, आज तक इन असामाजिक तत्वों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई है. जिसपर यह याचिका दायर की गयी है.