प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की संस्तुतियों का पालन करने तथा अनुपालन रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया है. याचिका की सुनवाई 25 मार्च को होगी. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने मोहम्मद अमन खा की जनहित याचिका पर दिया है.
सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा की गई जांच और उसकी संस्तुतियों की रिपोर्ट न्यायालय में पेश की गई. आयोग ने संस्तुति की है कि डीजीपी ,पुलिस और पीएसी के उन जवानों की पहचान करें जो लाठीचार्ज में शामिल थे और उनके खिलाफ नियमों के तहत उपयुक्त कार्रवाई की जाए. आयोग ने घटना में घायल हुए 6 छात्रों को मानवीय आधार पर मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है.
आयोग ने डीजीपी को निर्देश दिया है कि, इस प्रकार की परिस्थितियों से निपटने के लिए पुलिस बल, पीएसी और सीआरपीएफ तथा आरएएफ जैसी फोर्स को जागरूक किया जाए. उन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाए तथा इन सुरक्षाबलों को और अधिक प्रोफेशनल बनाया जाए. ताकि वह ऐसी घटनाओं के समय सिविलियंस के मानवाधिकार का सम्मान कर सके.
आयोग ने डीजीपी द्वारा 6 जनवरी 2020 को गठित एसआईटी को ऐसे सभी मामलों की एक निश्चित समय सीमा में जांच करने का निर्देश दिया है. आयोग ने उन्नत अभिसूचना सिस्टम विकसित करने के लिए कहा है ताकि अफवाहें फैलने से रोका जा सके. विशेषकर सोशल मीडिया पर इस प्रकार की अफवाहें फैलती है, उनसे निपटने के लिए सुरक्षा बलों को प्रशिक्षित किए जाने की जरूरत है.
आयोग ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति से भी कहा है कि, छात्रों से संवाद का बेहतर तरीका विकसित करें, ताकि वह बाहरी तत्वों से प्रभावित न हो. अनुशासनहीनता बरतने वाले छात्रों पर कार्रवाई की जाय. कोर्ट ने मुख्य सचिव, डीजीपी यूपी, डीजी सीआरपीएफ तथा एएमयू के कुलपति को आदेश का पालन करने और अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है. मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है.