प्रयागराजः याची के अधिवक्त सीमान्त सिंह का कहना था कि याची ने 2018 की कांस्टेबल भर्ती में शामिल हुई थी. सभी चरण में सफल होने के बाद भी याची का चयन नहीं हुआ. भर्ती बोर्ड ने बताया कि याची के गैर राज्य की होने के कारण याची को 20 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. मध्यप्रदेश की कंचन शर्मा की याचिका पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र सुनवाई कर रहे हैं. अधिवक्ता का कहना था कि, अनुच्छेद 16(2) और 16(3) के तहत जन्म स्थान और लिंग के आधार पर भेद भाव नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने याची की नियुक्ति पर विचार करने और हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
यूपी कांस्टेबल भर्ती में महिला अभ्यर्थियों के लिए हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाइकोर्ट ने गैर राज्य की महिला अभ्यर्थी को कांस्टेबल भर्ती में 20 प्रतिशत रिजर्वेशन का लाभ नहीं देने पर पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब मांगा है. कोर्ट ने अपर सचिव को याची के दावे पर विचार करने और रिक्त पदों की स्थिति से अवगत कराने के लिए कहा है.
इफको की प्रतिनिधि सभा के निर्वाचित प्रतिनिधि सदस्य आर पी सिंह बघेल का निर्वाचन रद्द
प्रयागराजः इफको फूलपुर की किसान सेवा सहकारी समिति इफको की प्रतिनिधि सभा के निर्वाचित प्रतिनिधि सदस्य आर पी सिंह बघेल का निर्वाचन आर्बिट्रेटर नायमूर्त्ति डॉ. सतीश चंद्र ने रद्द कर दिया है. नए सिरे से प्रतिनिधि का चुनाव कराने का निर्देश दिया है. आर्बिट्रेटर ने मतदाता सूची भी रद्द कर दी है. आर्बिट्रेटर ने जिला उद्यान अधिकारी और सहायक निबंधक सहकारी समितियों को नए सिरे से मतदाता सूची तैयार करने का निर्देश दिया है.
किसान सेवा सहकारी समिति जसरा के अध्यक्ष राजेश त्रिपाठी ने बघेल के निर्वाचन को चुनौती दी थी. आरोप था कि, बघेल ने निर्वाचन अधिकारी इफको की मिलीभगत से फर्जी मतदाता सूची तैयार कर कई फर्जी औद्यानिक समितियों के नाम जुड़वा दिए थे. जिनमें कई का न तो निर्वाचन हुआ था और न ही उनके प्रतिनिधि सही थे. चार ऐसे प्रतिनिधियों का नाम शामिल कर दिया गया जो किसी समिति के सदस्य ही नहीं थे. अपनी पत्नी को भी उन्होंने प्रतिनिधि बना कर भेजे जो किसी समिति की संचालक नहीं थी. जबकि चुनाव समिति का संचालक या अध्यक्ष वोट देता है.
प्रयागराज में 168 और प्रतापगढ़ में 111 समितियां है, जो इफको की आम सभा में प्रतिनिधि चुन कर भेजती हैं. इफको ने चुनाव अधिकारी नियक्त किया जिसने समितियों से नामांकन आमंत्रित किया. जिसमें इलाहाबाद से 125 और प्रतागढ़ से 10 समितियों का नामंकन किया. इनमें से चुनाव अधिकारी ने आपत्तियों के निस्तारण के बाद इलाहाबाद से 82 और प्रतापगढ़ से 7 के नामांकन स्वीकार किए. बाकी का रद्द कर दिया.
चुनाव के लिए 14 मार्च 2019 को मतदाता सूची प्रकाशित हुई. इसके बाद चार समितियों को और चुनाव में शामिल कर लिया गया. याची राजेश त्रिपाठी ने इस पर आपत्ति की. चुनाव अधिकार ने इसे नजरंदाज कर चुनाव करवा लिया. आर्बिट्रेटर ने चुनाव प्रक्रिया को अवैध मानते हुए चुनाव रद्द कर दिया.
पीएम मोदी के खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका पर 23 अक्टूबर को सुनवाई
प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका पर उनकी तरफ से बहस पूरी होने पर याची राज बहादुर का पक्ष सुनने के लिए 23 अक्टूबर की तारीख लगाई है. यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता ने याची की ओर से पक्ष प्रस्तुत करने के लिए समय मांगे जाने पर दिया.
सुनवाई के दौरान प्रधानमंत्री के अधिवक्ता सत्यपाल जैन व संतोष जैन ने अपने तर्क में कहा कि, याची को याचिका दाखिल करने का न्यायिक अधिकार ही नहीं है. क्योंकि याची ने उन शर्तों और औपचारिकताओं का पालन नहीं किया है, जो एक प्रत्याशी के लिए आवश्यक होती है. यह भी कहा कि, तकनीकी खामियों को देखते हुए याचिका खारिज किये जाने योग्य है.
पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के एडिशनल सॉलीसिटर जनरल और लॉ कमीशन के स्टैंडिंग मेंबर सत्यपाल जैन ने कहा कि यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के अनेक आदेशों, चुनाव आयोग के निर्देशों और अन्य चुनाव कानूनों को दृष्टिगत रखते हुए पोषणीय नहीं है. अपने तर्क के समर्थन में उन्होंने कागजात प्रस्तुत करते हुए याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की.