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नोएडा में यमुना बांध के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण पर मांगा जवाब - illegal construction demolition

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा में यमुना बांध के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण पर नोएडा एवं राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Published : Mar 31, 2023, 10:37 PM IST

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौतमबुद्धनगर में यमुना के बांध के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के खिलाफ दाखिल याचिका पर नेशनल मिशन फाॅर क्लीन गंगा जल शक्ति मंत्रालय, नोएडा एवं राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है.यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने नोएडा में सेक्टर 63 ए के निवासी रत्न मिश्र की याचिका पर दिया है.

याचिका में कहा गया है कि नोएडा के सीईओ को इस मामले में कोई कार्यवाही करने या आदेश देने का अधिकार नहीं है. केवल क्लीन गंगा मिशन को ही इस मामले में कार्रवाई का अधिकार है. इसलिए नोएडा के सीईओ के आदेश को अधिकार क्षेत्र से बाहर मानते हुए रद्द किया जाए. केंद्र सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी का कहना था कि यह यमुना नदी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के अतिक्रमण का मामला है. साथ ही अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई करने का अधिकार नोएडा अथॉरिटी व राज्य सरकार को ही है.

मामले के तथ्यों के अनुसार में चक मंगरौरा सहित अन्य गांवों में यमुना किनारे जमीन खरीदी गई है. खरीदी गई जमीन यमुना बांध के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में है. इस पर अनधिकृत अवैध निर्माण किया गया है. नोएडा ने पर्यावरण नियोजन एवं जन सामान्य की सुरक्षा के लिए इन अवैध निर्माणों को हटाने का निर्णय लिया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अवैध निर्माण से बांध को खतरे की आशंका है. इसके आधार पर नोएडा की सीईओ रितु माहेश्वरी ने याची का प्रत्यावेदन खारिज कर दिया और ध्वस्तीकरण कार्रवाई को सही माना, जिसे याचिका में चुनौती दी गई है.

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