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अभियुक्त की गिरफ्तारी अंतिम विकल्प, रूटीन गिरफ्तारी मूल अधिकारों का हनन - हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि विवेचना के लिए पुलिस अभिरक्षा में पूछताछ के लिए जरूरी होने पर ही गिरफ्तारी की जाए. यह अंतिम विकल्प होना चाहिए. गैर जरूरी गिरफ्तारी मानवाधिकार का हनन है.

अभियुक्त की गिरफ्तारी अंतिम विकल्प
अभियुक्त की गिरफ्तारी अंतिम विकल्प

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Published : Dec 26, 2021, 2:18 PM IST

प्रयागराज:जोगिंदर सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पुलिस आयोग की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि रूटीन गिरफ्तारी पुलिस में भ्रष्टाचार का श्रोत है. रिपोर्ट कहती है 60 फीसदी गिरफ्तारी गैर जरूरी और अनुचित होती है. जिस पर 43.2 फीसदी जेल संसाधनों का खर्च हो जाता है. कोर्ट ने कहा कि वैयक्तिक स्वतंत्रता बहुत ही महत्वपूर्ण मूल अधिकार है. बहुत जरूरी होने पर ही कटौती की जा सकती है. गिरफ्तारी से व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचती है. इसलिए अनावश्यक गिरफ्तारी से बचना चाहिए.

कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न, मारपीट, गाली-गलौज करने के आरोपी राहुल गांधी की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है और कहा है कि गिरफ्तारी के समय 50 हजार के मुचलके व दो प्रतिभूति लेकर जमानत पर रिहा कर दिया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत सिंह ने गौतमबुद्ध नगर के राहुल गांधी की अग्रिम जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है.

कोर्ट ने कहा है कि याची अपना फोन नंबर पता विवेचना के दौरान नहीं बदलेगा, पासपोर्ट जमा कर देगा. बिना अनुमति देश नहीं छोड़ेगा. साथ ही विवेचना में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं करेगा. ऐसी ही अन्य शर्तों का पालन न करने पर कोर्ट को कानूनी कार्रवाई करने की छूट होगी.

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याची के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर जिले में महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. याची ने पुलिस की ओर से कभी भी गिरफ्तार करने की आशंका जाहिर करते हुए यह अर्जी दाखिल की है. उसका यह भी कहना था कि सह अभियुक्त को अग्रिम जमानत मिल चुकी है. इसलिए उसे भी जमानत दी जाए. याची पर आरोप है कि उसकी शादी 16 जून को हुई. शिकायत कर्ता के परिवार ने दहेज भी दिया. किन्तु शादी के बाद एक करोड़ रुपये अतिरिक्त दहेज की मांग की गई. याची के परिवार वाले पीड़िता को लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं.

याची का कहना है कि वह निर्दोष है. उसकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए फंसाया गया है. विवेचना चल रही है. कुर्की नीलामी कार्यवाही नहीं की गई है. चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है. याची विवेचना में हर सहयोग करने का आश्वासन देता है. सह अभियुक्त साक्षी किरन गांधी को पहले ही राहत मिल चुकी है. उसी समान आरोप याची पर भी है.

कोर्ट ने कहा अर्जी की नोटिस राज्य सरकार को पहले ही दी जा चुकी है. जवाब के लिए अतिरिक्त समय दिए जाने की आवश्यकता नहीं है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले व कानूनी प्रावधानों पर विचार करने के बाद अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है.

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