प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जबरन देह व्यापार कराने में शामिल होने के आरोपी आकाश को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि देह व्यापार समाज के विरुद्ध अपराध है. ऐसे अपराध के आरोपी सहानुभूति पाने के हकदार नहीं हैं. कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने आकाश की अर्जी पर दिया है.
देह व्यापार समाज के विरुद्ध अपराध, आरोपी सहानुभूति पाने के हकदार नहीं-HC
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जबरन देह व्यापार कराने में शामिल होने के आरोपी आकाश को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने आकाश की अर्जी पर दिया है. हाईकोर्ट ने देह व्यापार को समाज के विरुद्ध अपराध मानते हुए यह निर्णय सुनाया है.
मालूम हो कि पुलिस व ऐंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट ने नोएडा गौतमबुद्ध नगर के एक गेस्ट हाउस पर छापा मारकर चार लड़कियों को छुड़ाया था. 27 फरवरी 2021 की घटना की 28 फरवरी को सेक्टर-24 थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. आधा दर्जन जबरन देह व्यापार कराने के आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया है. लड़कियों ने प्रेम जाल में फंसा कर देहव्यापार में ढकेलने का आरोप लगाया है.
याची का कहना था वह निर्दोष है. एक हफ्ते पहले वह गेस्ट हाउस में नौकरी ज्वाइन की है. वहां क्या होता है उसे नहीं मालूम. किन्तु लड़कियों के बयान अपराध की गंभीरता का खुलासा करने वाले हैं. पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. बिहार, पश्चिम बंगाल, मुजफ्फरनगर की लड़कियों को झांसा देकर देह व्यापार में ढकेलने का आरोप है. फिलहाल, कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया.