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पुलिस भर्ती 2018: कोर्ट ने कहा- संदेह पर दोबारा शारीरिक दक्षता टेस्ट का आदेश सही

पुलिस भर्ती-2018 के एक अभ्यर्थी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि संदेह पर दोबारा शारीरिक दक्षता टेस्ट का आदेश देना सही है. अभ्यर्थी ने जहां परीक्षा दी है वहीं के डॉक्टरों की टीम से शारीरिक दक्षता टेस्ट कराया जाए.

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Published : Dec 11, 2020, 10:23 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस भर्ती में लंबाई को लेकर संदेह दूर करने के लिए दोबारा जांच कराने का आदेश देना गलत नहीं है. अभ्यर्थी के मन में माप को लेकर संदेह है तो दूर किया जाना चाहिए, लेकिन दोबारा जांच के लिए दूसरे जिले में मेडिकल बोर्ड गठित करना सही नहीं है, जहां पहली जांच हुई वहीं पर दोबारा जांच कराई जानी चाहिए.

कोर्ट ने बुलंदशहर के सीएमओ की अध्यक्षता में तीन डॉक्टरों की टीम से जांच कराने के आदेश को संशोधित करते हुए कहा है कि यही बोर्ड बरेली के डॉक्टरों व पुलिस के साथ गठित किया जाए. पहली जांच बरेली में हुई थी. इसलिए दोबारा वहीं के मेडिकल बोर्ड से जांच हो. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायाधीश सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश राज्य की विशेष अपील को निस्तारित करते हुए दिया है. अपील पर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व विपक्षी अभ्यर्थी योगेंद्र कुमार के अधिवक्ता इरफान अहमद ने बहस की.

मालूम हो कि याची योगेंद्र कुमार ने 2018 की पुलिस भर्ती की परीक्षा में सफल होने के बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा दी. बरेली में हुई जांच में योगेंद्र की लंबाई 168 सेंमी से कम पाई गई. इसको लेकर योगेंद्र ने याचिका दायर की और पुनः जांच कराने की मांग की. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बुलंदशहर के सीएमओ व दो प्रोफेसर डॉक्टरों की टीम गठित कर क्षेत्राधिकारी की मौजूदगी में जांच का आदेश दिया.

मेडिकल बोर्ड ने जांच की और रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. मेडिकल जांच रिपोर्ट में याची की लंबाई 168 सेंमी से अधिक पाई गई तो कोर्ट ने याची को चयनित करने का निर्देश दिया, जिसे अपील में राज्य सरकार ने चुनौती दी. अपर महाधिवक्ता का कहना था कि भर्ती नियमानुसार एक बार जांच की जा सकती है और जांच वहीं होगी जहां परीक्षा हुई हो. एकल पीठ ने दूसरे जिले की डॉक्टरों की टीम से जांच का आदेश देकर क्षेत्राधिकार का अतिलंघन किया है, जो जिस तरीके से किया जाना है वह उसी तरीके से किया जाना चाहिए.

खंडपीठ ने दोबारा जांच के आदेश पर सरकार की आपत्ति नहीं मानी, लेकिन कहा कि जहां परीक्षा हुई हो संदेह होने पर दोबारा जांच वहीं होनी चाहिए. कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश के अनुसार बरेली में डॉक्टरों की टीम से जांच कराने का आदेश दिया है.

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