प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त सरकारी, अर्द्ध सरकारी कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति परिलाभों का समय से भुगतान करने के सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइंस का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि हर विभाग का मुखिया हर 6 माह में एक जनवरी व एक जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों अधिकारियों की सूची तैयार करें. इस सूची को 12 से 18 माह में तैयार कर ले और 31 जनवरी व 31 जुलाई तक ऑडिट अधिकारी को अग्रसारित करें. इसके बाद भुगतान की जवाबदेही एकाउंटेंट जनरल कार्यालय की होगी.
इसी के साथ कोर्ट ने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद श्योहरा, बिजनौर को याची की पेंशन व सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान 15 अक्टूबर 23 तक करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश की जानकारी सर्कुलर जारी कर सभी विभागों को भेजने का भी आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र ने पालिका परिषद के सेवानिवृत्त सफाई कर्मचारी राम कुमार की याचिका पर दिया है.
कोर्ट ने सेवारत कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि चार साल तक सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान रोकना अवैध व मनमाना ही नहीं बल्कि पाप है. क्योंकि भुगतान में देरी को कानूनी अपराध घोषित नहीं किया गया है. सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भुगतान न कर परेशान करने वाले कर्मचारियों को पाप से डरना चाहिए. यह अनैतिक व असामाजिक कृत्य है. यह संविधान की आधार शिला सामाजिक व आर्थिक न्याय का उल्लघंन है.