प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि चोरी हुआ या गुमशुदा चेक बाउंस हो जाने की स्थिति में धारा 138 एन आई एक्ट के दायरे में नहीं आएगा. कोर्ट ने इस मामले में पहले से दर्ज आपराधिक केस के बावजूद तथ्य छिपाकर चेक बाउंस का परिवाद दाखिल करने को न्याय प्रक्रिया का दुरुपयोग करते हुए दुरुपयोग करार देते हुए मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रही परिवाद की कार्यवाही को रद्द कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति शिव शंकर प्रसाद ने मुंबई के बॉबी आनंद उर्फ योगेश आनंद की याचिका पर दिया है.
मामले के अनुसार याची ने 31 अक्टूबर 2022 को मुंबई में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके कार्यालय से दो चेक चोरी हो गए हैं. इसकी सूचना उसने संबंधित बैंक को को भी दी थी. बैंक द्वारा याची को फोन करके बताया गया कि गुम हुए चेक में से एक चेक भुगतान के लिए बैंक में प्रस्तुत किया गया था. इस पर याची ने विपक्षी के खिलाफ चोरी और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया. इसके जवाब में विपक्षी ने उसके खिलाफ मथुरा की मजिस्ट्रेट कोर्ट में चेक बाउंस का परिवाद दर्ज करा दिया जिस पर मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लेते हुए याची को समन जारी कर दिया.