प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है कि राशन वितरण में धांधली की शिकायत की विस्तृत जांच जरूरी नहीं है. यह संक्षिप्त विचारण प्रक्रिया है. कारण बताओ नोटिस के जवाब पर विचार कर दोषी डीलर का लाइसेंस निरस्त करने के आदेश पर अनुच्छेद 226 में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता.
इस मामले में गवाहों की प्रति परीक्षा, विस्तृत जांच प्रक्रिया,जांच रिपोर्ट की प्रति देना, सुनवाई का मौका दिए जाने की विभागीय कार्यवाही की लंबी प्रक्रिया के तर्क स्वीकार्य नहीं है. कोर्ट ने कहा कि डीलर ने आंख बंद कर नहीं, खुली आंखों से करार किया है, जिसका पालन करना बाध्यकारी है. इन शर्तों के उल्लंघन पर लाइसेंस निलंबित या निरस्त किया जा सकता है. कोर्ट ने राशन की दुकान का लाइसेंस निरस्त करने के खिलाफ दाखिल तमाम याचिकाओं को खारिज कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति आर आर अग्रवाल ने नजाकत अली सहित दर्जनों याचिकाओं पर दिया है.
कोर्ट ने कहा कि जीवन के अधिकार में भोजन का अधिकार भी शामिल हैं. केंद्र सरकार ने गरीबों व गरीबी की रेखा से ऊपर के लोगों को राशन कार्ड के जरिए सस्ते दामों पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की योजना बनाई है. लोक स्वास्थ्य, पौष्टिक आहार व गरिमामय जीवन के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अन्त्योदय योजना,अन्न योजना लागू की है. राशन वितरण प्रणाली के अंतर्गत डीलर्स नियुक्त किए गए हैं, जो लाइसेंस की शर्तों के अनुसार राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराते हैं.