प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मुख्तार अंसारी का गिरोह देश का सबसे खूंखार आपराधिक गिरोह है. कोर्ट ने मुख्तार गैंग के शूटर रामू मल्लाह की जमानत अर्जी खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि यह बेहद परेशान करने वाली बात है कि गवाहों के मुकर जाने के कारण खूंखार अपराधी गंभीर मुकदमों में बरी हो जाते हैं. किसी भी मुकदमे का निष्पक्ष ट्रायल तब तक संभव नहीं है, जब तक कि सरकार गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती है. रामू मल्लाह की जमानत पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने दिया.
रामू मल्लाह के खिलाफ मऊ के दक्षिण टोला थाने में 2010 में हत्या का मुकदमा दर्ज है. जिस में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की गई थी. अदालत ने पाया कि इसी मामले में हाईकोर्ट की एक बेंच ने 8 मई 2013 को उसे जमानत दी थी. जबकि इसी केस में नामजद मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने मुकदमे का ट्रायल 3 माह में पूरा करने का निर्देश दिया था. हाई कोर्ट के निर्देश पर स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए इलाहाबाद में जब मुकदमे का ट्रायल शुरू किया तो रामू मल्लाह फरार हो गया. वह ट्रायल उपस्थित नहीं हुआ तो उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया. मगर वारंट तामील नहीं हो सका. कोर्ट ने कुर्की का आदेश दिया तो पता चला कि रामू मल्लाह ने अपना जो पता दिया था वह फर्जी था. उसका वोटर आईडी कार्ड और ग्राम प्रधान द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र भी फर्जी पाया गया. पता चला कि वह दिए गए पते पर लंबे समय से नहीं रह रहा है.