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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया सीजेएम मथुरा द्वारा जारी सम्मन पर रोक लगाने का आदेश - इलाहाबाद हाईकोर्ट

मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा रिफाइनरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेएम मथुरा द्वारा जारी सम्मन पर रोक लगा दी है.

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हाईकोर्ट ने दिया सम्मन पर रोक लगाने का आदेश.

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Published : Dec 18, 2019, 12:37 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की मथुरा रिफाइनरी के खिलाफ जिला पंचायत मथुरा द्वारा चलाई जा रही आपराधिक कार्यवाही और सीजेएम मथुरा द्वारा जारी सम्मन पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि इसी मामले में सिविल वाद न्यायालय में लंबित है. ऐसे में प्रकरण को आपराधिक कोर्ट में घसीटने का कोई औचित्य नहीं है.

कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक कार्रवाई सिविल मामलों में उचित नहीं है. मथुरा रिफाइनरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने दिया.

हाईकोर्ट ने दिया सम्मन पर रोक लगाने का आदेश

  • इस मामले में रिफाइनरी का पक्ष रख वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी रख रहे थे.
  • उनका कहना था कि जिला पंचायत मथुरा ने मथुरा रिफाइनरी के खिलाफ लाइसेंस फीस न जमा करने पर जिला पंचायत अधिनियम की धारा 240 के तहत आपराधिक प्रक्रिया प्रारंभ की है.
  • सीजेएम मथुरा ने 30 मार्च 1996 को जनरल मैनेजर मथुरा रिफाइनरी के खिलाफ सम्मन जारी किया है.
  • इस आदेश को हाईकोर्ट में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दाखिल अर्जी में चुनौती दी गई है.
  • इस संबंध में याची के अधिवक्ता का कहना था कि जिला पंचायत ने लाइसेंस फीस वसूली के लिए सिविल वाद, दाखिल कर रखा है, जो अभी लंबित है
  • सुप्रीम कोर्ट के इंद्र मोहन गोस्वामी केस का हवाला देते हुए अधिवक्ता ने कहा कि सिविल नेचर के विवादों में क्रिमिनल प्रोसिडिंग प्रारंभ करना उचित नहीं है.
  • कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि जिला पंचायत की ओर से दाखिल सिविल वाद अभी लंबित है.
  • ऐसे में इस मामले को आपराधिक केस में घसीटना उचित नहीं है.
  • कोर्ट ने सीजेएम मथुरा की अदालत में चल रही आपराधिक कार्यवाही और सीजीएम द्वारा जारी समन आदेश को रद्द कर दिया है.

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