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धान-गेहूं खरीद घोटाला: आरोपियों को कोर्ट में पेश किए बिना चार्जशीट दाखिल करने वाले पुलिस वालों पर कार्रवाई के निर्देश - चंदौली धान-गेहूं खरीद घोटाला

इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) ने चंदौली जिले में 2011 से जारी धान-गेहूं खरीद घोटाले के आरोपी अधिकारियों को कोर्ट में पेश किए बगैर चार्जशीट (Charge sheet) दाखिल करने वाले पुलिस अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इस बारे में 5 अगस्त को रिपोर्ट तलब किया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Published : Jul 16, 2021, 10:59 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) ने चंदौली जिले में 2011 से जारी धान-गेहूं खरीद घोटाले के आरोपी अधिकारियों को कोर्ट में पेश किए बगैर चार्जशीट (Charge sheet) दाखिल करने वाले पुलिस अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और 5 अगस्त को रिपोर्ट मांगी है. इससे पहले कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता से इस संबंध में जानकारी मांगी थी. उन्होंने कोर्ट को बताया कि सभी अभियुक्तों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए का नोटिस दिया गया है. इसके तहत पुलिस को कोर्ट से वारंट लिए बगैर आरोपी को गिरफ्तार करने का अधिकार मिल जाता है.

कोर्ट ने पूछा था कि बिना गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किए, किस उपबंध में चार्जशीट दाखिल कर दी गई. आरोपी अधिकारियों के खिलाफ 8 मामलों में से 7 में चार्जशीट दाखिल है. एक में नकारात्मक अंतिम रिपोर्ट लगी है. विचारण कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है. याचिका में घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की गई है. याचिका की सुनवाई 5 अगस्त को होगी. यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी तथा न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने ओम प्रकाश गुप्ता की जनहित याचिका पर दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता एस के मिश्रा ने बहस की. इनका कहना है कि चंदौली के अधिकारियों व मिल मालिकों की मिलीभगत से किसानों से मामूली खरीद की जा रही है और अधिकांश खरीद बिचौलियों के जरिए की जा रही है. याची ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायी तो उसके खिलाफ वाराणसी कैंट थाने में सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इसकी भी शासन ने आख्या मांगी है. याची की शिकायत की जांच हुई, जिसमें चार्जशीट दाखिल की गयी है किन्तु आरोपी अधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश नहीं किया है. केवल दो केस में कोर्ट से राहत मिली है. इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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