प्रयागराज: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, लखनऊ द्वारा आयोजित आरक्षी नागरिक पुलिस एवं पीएसी के पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा में याची अजय कुमार के खिलाफ गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमे को देखते हुए अंतिम योग्यता सूची में स्थान प्राप्त करने के बाबजूद नियुक्ति देने से इनकार कर दिया था. जिसे उसने याचिका में चुनौती दी थी. याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने सुनवाई की है.
हाईकोर्ट ने यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित अभ्यर्थी को नियुक्ति देने का निर्देश - uttar pradesh police
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित अभ्यर्थी को नियुक्ति देने के मामले में सक्षम प्राधिकारी को निर्णय लेने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अभ्यर्थी से प्रत्यावेदन लेकर उस पर नियमानुसार निर्णय लिया जाए.
![हाईकोर्ट ने यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित अभ्यर्थी को नियुक्ति देने का निर्देश इलाहाबाद हाईकोर्ट](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-12346400-thumbnail-3x2-pic.bmp)
इलाहाबाद हाईकोर्ट
याची के अधिवक्ता गोपाल जी खरे का कहना था कि याची ने अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमे की जानकारी के जरिए हलफनामा संबंधित अधिकारी को दी थी. वह अवतार सिंह बनाम यूनियन आफ इंडिया व अन्य में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के तहत नियुक्ति पाने का पात्र हैं.
कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि याची आदेश की तिथि से तीन हफ्ते के अंदर प्रत्यावेदन संबंधित प्रधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करे एवं संबंधित प्राधिकारी द्वारा उस पर छह हफ्ते में उचित आदेश पारित करें.