प्रयागराजःइलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनिल भूषण सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज को अवमानना नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न आदेश की अवहेलना करने पर उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही की जाय. कोर्ट ने 22अप्रैल 22तक आदेश का पालन करने का एक मौका देते हुए कहा है कि यदि आदेश का पालन कर लिया गया तो हाजिर होने की जरूरत नहीं होगी.केवल अनुपालन हलफनामा दाखिल करना होगा. यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने रोहनी पटेरिया की अवमानना याचिका पर दिया है.
हाईकोर्ट ने कोर्ट की शरण में आये सभी अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक भर्ती में प्रश्न संख्या 60का एक अतिरिक्त अंक देने का निर्देश दिया है. याची ने भी याचिका दायर की थी. किन्तु विशेष अपील दाखिल नहीं की. कोर्ट के आदेशानुसार एक अंक मिलने से वह न्यूनतम अंक से अधिक अंक प्राप्त कर लेगी और नियुक्ति पाने की हकदार हो जायेगी. अंतिम चयनित के 97अंक है. याची को अतिरिक्त अंक देने से 70.68अंक हो जायेगा. कोर्ट ने सचिव को निर्णय लेने का निर्देश दिया था, जिसका पालन नहीं किया गया तो यह याचिका दायर की गई है.
बूढ़नपुर के हड़ताली वकीलों के खिलाफ बार काउंसिल को कार्रवाई करने का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तहसील बुढनपुर, आजमगढ़ के हड़ताली वकीलों के खिलाफ यूपी बार काउंसिल को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. ताकि हाईकोर्ट द्वारा 10 जनवरी 2020 को पारित आदेश का अनुपालन हो सके. कोर्ट ने तहसीलदार को राजस्व संहिता के अंतर्गत विचाराधीन विवाद की सुनवाई कर चार माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि हर संभव प्रयास कर केस तय किया जाय. वकील काम न करें तो वादकारी को सुनकर आदेश दिया जाय. वकील इसमें बाधा डालें तो पुलिस बल की सहायता से निपटाया जाय.यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने आजमगढ़ के ओमप्रकाश की अवमानना याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए दिया है.
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बुढनपुर तहसील के तहसीलदार शक्ति सिंह के खिलाफ अदालत के आदेश का अनुपालन न करने पर अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की गई थी. कहा गया था कि 10 जनवरी 2020 को हाईकोर्ट आदेश के बाद भी तहसीलदार ने दाखिल वाद का निपटारा नहीं किया. कोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान आर्डर सीट व पत्रावली को देखने के बाद पाया कि बुढनपुर में 70- 75 वकील तहसीलदार के विरोध में दो साल से कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. वे न्यायिक कार्य नहीं होने देते. कोर्ट ने पाया कि वकील 5 फरवरी 2020 से 5 जनवरी 2022 तक लगातार न्यायिक कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में तहसीलदार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही नहीं चलाई जा सकती.