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हाईकोर्ट ने मृत अध्यापक के सेवानिवृत्ति परिलाभ से अधिक वेतन भुगतान की वसूली आदेश रद्द किया - High Court ordered to give retirement benefits petitioner

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सहायक अध्यापक की मौत के बाद गलत वेतन निर्धारण के कारण अधिक भुगतान किए गए 2 लाख 71 हजार 260 रुपये की वसूली आदेश को अनुमन्य न मानते हुए रद्द कर दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Published : Oct 21, 2021, 10:18 PM IST

प्रयागराजःइलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने जिला विद्यालय निरीक्षक प्रयागराज को याची मृत पिता के बकाया सेवानिवृत्ति परिलाभ का दो माह में भुगतान करने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने गलत वेतन निर्धारण के कारण अधिक भुगतान किए गए 2 लाख 71हजार 260 रुपये की वसूली आदेश को अनुमन्य न मानते हुए रद्द कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने दारागंज प्रयागराज के प्रतीक शर्मा की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता दिनेश राय ने बहस की.

बता दें कि मालूम हो कि याची के पिता अनिल कुमार शर्मा राधारमण इंटर कॉलेज दारागंज के प्राइमरी सेक्शन में सहायक अध्यापक थे. उनकी सेवाकाल में उनकी मृत्यु हो गई थी. मृत्यु के बाद सेवानिवृत्ति परिलाभ के भुगतान का आदेश पारित हुआ. प्रधानाचार्य की आपत्ति पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने 20 मार्च 2021 को गलत वेतन भुगतान की वसूली का आदेश दिया. साथ ही याची के पिता द्वारा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लिए गए पर्सनल लोन 3 लाख 54 हजार की भी कटौती करने को कहा. इस मामले में हाईकोर्ट में जिसे चुनौती दी गई थी.

याची के अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि अधिक वेतन भुगतान की वसूली याची के पिता के सेवारत रहते कोई नहीं की गई. 7 फरवरी 2019 को याची के पिता की बीमारी के कारण मौत हो गई. मृत्यु के बाद अधिक भुगतान की वसूली की अनुमति नहीं दी जा सकती. याची के पिता की वेतन निर्धारण में कोई भूमिका नहीं थी. मृत सहायक अध्यापक के कपट या गलत प्रत्यावेदन से वेतन निर्धारित नहीं किया गया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के पंजाब राज्य बनाम रफीक मसीह केस का हवाला देते हुए कोर्ट ने वसूली आदेश रद्द कर दिया है.

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याची के पिता द्वारा लिए गए बैंक लोन‌ के मामले में कोर्ट ने कहा कि यह राशि सेवानिवृत्ति परिलाभ से वसूल नहीं की जा सकती. बशर्त लोन शर्तों में इस तरह का कोई करार न हुआ हो. याची ने बैंक को एक बार में समझौते की पेशकश की है. वह सीधे बैंक को भुगतान करने को तैयार हैं.

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