प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना किसी कानूनी प्रावधान के ईट भट्ठा संचालन की अनुमति देने के लिए पर्यावरण विभाग द्वारा सात लाख रुपये से अधिक का पर्यावरण शुल्क लगाए जाने पर रोक लगा दी है. इसी के साथ राज्य सरकार व पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड से 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है. गाजियाबाद के महादेव ब्रिक फील्ड की याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति प्रितिकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है.
याची के अधिवक्ता विभू राय का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ईंट भट्ठा के संचालन की अनुमति मिली थी. इसके बाद याची ने भट्टे के संचालन के लिए पर्यावरण विभाग से अनुमति मांगी थी. पर्यावरण विभाग ने अनुमति तो दी, लेकिन याची पर 7,31,250 रुपये पर्यावरण शुल्क लगा दिया.
अधिवक्ता का कहना था कि कानून में कहीं ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके आधार पर इस प्रकार का शुल्क लगाया जा सके. कोर्ट ने कहा कि बिना प्रावधान के शुल्क नहीं लगाया जा सकता है. कोर्ट ने ईट भट्ठा संचालन पर पर्यावरण शुल्क की वसूली पर रोक लगाते हुए 4 सप्ताह में सभी पक्षों से जवाब तलब किया है.