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हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव से पूछा, क्यों नहीं हो रही राजस्व परिषद सदस्यों की नियुक्ति - रिहायशी इलाके में व्यावसायिक निर्माण

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद इलाहाबाद से पूछा है कि राजस्व परिषद सदस्यों की नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही है. वहीं रिहायशी इलाके में व्यावसायिक निर्माण हटाने की मांग में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सहारनपुर विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Published : Nov 18, 2020, 8:15 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद इलाहाबाद से पूछा है कि राजस्व परिषद सदस्यों की नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही है. कोर्ट ने महीनों से पद खाली होने के बावजूद नियुक्ति न करने के कारणों के साथ जिम्मेदार अधिकारी का हलफनामा मांगा है. याचिका की सुनवाई 23 नवंबर को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने सीताराम भारती की याचिका पर दिया है. याची का कहना है कि राजस्व परिषद में सरकार द्वारा सदस्यों की समय से नियुक्ति न करने से मुकदमों का निपटारा नहीं हो पा रहा है. इस समय एक भी सदस्य नहीं बैठ रहा है. इसलिए सरकार को सदस्यों के खाली पदों को भरने का निर्देश दिया जाए.

सहारनपुर विकास प्राधिकरण को नोटिस, जवाब-तलब
वहीं एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहारनपुर विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी किया है और पूछा है कि रिहायशी इलाके में व्यावसायिक निर्माण हटाने की मांग में दाखिल याचिका क्यों न मंजूर कर ली जाए. कोर्ट ने विकास प्राधिकरण से 6 जनवरी तक याचिका पर जवाब मांगा है.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायाधीश सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने सोसायटी एनेर्जिक वालेन्टियर्स एसोसिएशन की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है.

याची का कहना है कि विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान में रिहायशी, व्यावसायिक व अन्य एरिया चिन्हित किया गया है. इसके बावजूद रिहायशी व मिश्रित एरिया में व्यावसायिक निर्माण लगातार होते जा रहे हैं, जिसकी वजह से निवासियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. निर्माण में घोषित मास्टर प्लान का खुला उल्लंघन किया जा रहा है और प्राधिकरण इसकी अनुमति देकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

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